‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन' की सफलता के बाद अब 'हॉटस्पॉट डोमिनेशन'
हरियाणा में ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ के बाद अब ऑपरेशन ‘हॉटस्पॉट डोमिनेशन’ शुरू होगा। दिसंबर माह में इस मुहिम को छेड़ा जाएगा। इस बाद जंग नशे के खिलाफ होगी। डीजीपी ओपी सिंह ने इस संबंध में राज्यभर के पुलिस अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। इस पत्र की कॉपी एसएचओ से लेकर डीसीपी, एसपी, सीपी, आईजी, एडीजीपी, एसटीएफ, एनफोर्समेंट विंग और हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के यूनिट इंचार्ज तक भेजी है।
कार्यभार संभालने के बाद से ही डीजीपी ओपी सिंह पूरे एक्शन मोड में नजर आए हैं। अब जब उनकी रिटायरमेंट इसी माह के अंत में है, तब भी वे अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों को और प्रभावी और यादगार बनाने में जुटे हुए हैं। वे किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं चाहते और साफ संदेश दे चुके हैं कि अपराध के खिलाफ कार्रवाई केवल पकड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि अपराध की जड़ और उसकी परिस्थितयों को भी खत्म होना चाहिए।इस नए अभियान का फोकस उन जगहों की पहचान और नियंत्रण है, जहां नशा, सट्टा, जुआ, अवैध भीड़भाड़, असामाजिक गतिविधियां या गुंडागर्दी लंबे समय से पनप रही हैं।
पुलिस ऐसे क्षेत्रों की मैपिंग करेगी और फिर वहां लगातार गश्त, छापेमारी और निगरानी की कार्रवाई चलेगी। डीजीपी ने आदेश दिया है कि गांवों, कस्बों और शहरों में ऐसे स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी आम लोगों को दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून का भय और पुलिस का भरोसा - दोनों जमीन पर महसूस होने चाहिए। डीजीपी ने कहा कि कई मोहल्लों, कॉलोनियों और बाजारों में अंधेरी गलियां महिलाओं और आम नागरिकों के लिए असुरक्षा का कारण बनती हैं। ऐसे स्थानों पर स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए स्थानीय प्रशासन को शामिल किया जाएगा। उन्होंने लिखा कि सुरक्षित माहौल सिर्फ पुलिस कार्रवाई से नहीं बनता, बल्कि माहौल बदलने से बनता है।
सामाजिक जिम्मेदारी भी अभियान का हिस्सा
इस अभियान में केवल अपराधियों पर रोकथाम ही नहीं बल्कि समाजिक संवेदनशीलता भी शामिल की गई है। सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है और कई लोग अभी भी बिना गर्म कपड़े या रहने की व्यवस्था के संघर्ष कर रहे हैं। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि पुलिस ऐसे जरूरतमंद लोगों की पहचान करे और उन्हें सरकारी योजनाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं या दानदाताओं से जोड़े। उनका कहना है कि किसी भी क्षेत्र में ऐसा कोई व्यक्ति न हो जो सर्दी से ठिठुरे या भूखा सोए।
ऑपरेशन ट्रैकडाउन की उपलब्धियां
ऑपरेशन हॉटस्पॉट डोमिनेशन की घोषणा के साथ ही डीजीपी ने ऑपरेशन ट्रैकडाउन के नतीजे भी साझा किए। यह अभियान 5 नवंबर से 27 नवंबर तक चला और इस दौरान हरियाणा पुलिस ने 3066 कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इनमें से कई पर गुंडा एक्ट लगाया गया, जबकि कुछ के खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज हुए। डीजीपी ने इसे कानून व्यवस्था मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। डीजीपी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि बेल पर बाहर आ चुके आरोपी पुलिस की विशेष निगरानी में रहें। उन्होंने लिखा कि उनके चाल-चलन, गतिविधियों और व्यवहार पर नजर रखी जाए और यदि वे फिर से अपराध करते पाए जाएं तो तुरंत उनकी बेल कैंसिल कराकर वापस जेल भेजा जाए।
फरार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी
अभियान के दौरान चिह्नित 312 आरोपियों में से कुछ अब भी फरार हैं। डीजीपी ने आदेश दिया है कि इनकी पहचान सार्वजनिक की जाए, फोटो जारी हों, पड़ोसी राज्यों की पुलिस से जानकारी साझा की जाए और जरूरत पड़ने पर इन्हें अापराधिक घोषित कर लुकआउट नोटिस जारी किए जाएं। पत्र में यह भी उल्लेख है कि कई अपराधियों के पास हथियारों की सप्लाई करने वाले स्थानीय और बाहरी नेटवर्क हैं। इसलिए गन हाउसों, हथियार बेचने वालों और संदिग्ध सप्लाइयों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि अपराध की कमाई से बनी अवैध संपत्तियों की सूची तैयार है और अब उनका अगला चरण - जब्ती, सीलिंग और कब्जा हटाने का है।
