पानीपत, 2 जनवरी (निस)
पानीपत नगर निगम में प्रॉपर्टी आईडी में भ्रष्टाचार को लेकर सीआईडी चीफ आलोक मितल द्वारा निगम आयुक्त आरके सिंह को लिखे गये पत्र के बाद हड़कंप मच गया है। निगम आयुक्त आरके सिंह ने इस मामले की जांच एसई रमेश शर्मा को सौंप करके 5 जनवरी तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। निगम आयुक्त ने आउटसोर्स पर लगे चार कर्मचारियों को हटा दिया है और संबंधित एजेंसी को कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक कोई भी कर्मचारी निगम कार्यालय में नहीं आएगा। सीआईडी चीफ ने जिन चार दलालों के नाम पत्र में लिखे थे तो उनकी भी जांच शुरू कर दी गई है। नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट ने रविवार को बताया कि सीआईडी चीफ ने जिन दलालों के नाम लिखे थे, उनकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जो भी संलिप्त होगा तो उसको बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
गोपनीय पत्र हुआ लीक
सीनियर डिप्टी मेयर ने दावा किया कि नगर निगम में किसी भी हालत में भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा। बता दें कि सीआईडी चीफ आलोक मितल ने पानीपत नगर निगम में प्रॉपर्टी आईडी बनाने में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर निगम आयुक्त को पत्र लिखा था। इसमें निगम में प्रॉपर्टी आईडी बनाने में किस तरह से कर्मचारी और दलाल सक्रिय है। हालांकि सीआईडी चीफ का यह पत्र गोपनीय था पर माना जा रहा है कि निगम के ही किसी कर्मचारी ने इसे मीडिया में लीक कर दिया। सीआईडी चीफ के ही गोपनीय पत्र को किसने और किस मकसद से लीक किया गया, यह अभी जांच का विषय है।