दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 14 जुलाई
हरियाणा के 13 जिलों के कई शहरों एवं गांवों में बाढ़ और बारिश के अत्याधिक प्रभाव के बाद अब बीमारियों का भी खतरा मंडराने लगा है। खेतों, लोगों के घरों व कॉलोनियों में जलभराव के बाद बीमारियां बढ़ने की आशंका है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ को हाई अलर्ट पर रखा है। सभी सीएमओ को दवाइयों व जरूरी सामान का प्रबंध करने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं, सभी सीएमओ ने सरकार के निर्देश पर रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन कर लिया है। आधे से अधिक हरियाणा बाढ़ व बारिश के पानी की चपेट में है। 982 से अधिक गांव अभी तक बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। जलजनित बीमारियों के खतरे को भांपते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही, सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि आगामी आदेश तक किसी की छुट्टी मंजूर न करें।
अम्बाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत, पलवल, सिरसा और यमुनानगर जिलों में जलभराव की समस्या सबसे अधिक है। स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक ने बीमारियों को ध्यान में रखते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं। सभी जिला अस्पतालों में कंट्रोल रूम बनाकर नॉन-क्लीनिकल स्टाफ तैनात करने को कहा गया है।
अगर किसी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में पानी भरा हुआ है तो संबंधित सीएमओ तुरंत पंप के जरिये उसकी निकासी सुनिश्चित करेंगे। सरकार को लगता है कि आने वाले दिनों में जहां जलजनित बीमारियों के मरीज आएंगे। सांप के काटने, करंट लगने आदि जैसे मामले भी आ सकते हैं। इस तरह के संभावित मरीजों के उपचार का पहले से प्रबंध करने को कहा है। सीएमओ को कहा है कि अगर किसी भी दवाई की कमी है तो उसकी तुरंत खरीदारी की जाए।
नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त
सभी अस्पतालों में रेपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया जा चुका है। सीएमओ इनके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे ताकि मरीजों को किसी तरह की समस्या न हो। सीएमओ को ये निर्देश भी दिए हैं कि वे नियमित रूप से एम्बुलेंस सेवा और रैफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम की मॉनिटरिंग करें। आगामी आदेश तक सरकारी अस्पतालों में उन्हीं मरीजों के ऑपरेशन किए जाएंगे, जो जरूरी हैं।
128 गांव आए बाढ़ की चपेट में
यमुना और घग्गर नदी के अलावा दूसरी नहरों के ओवरफ्लो होने और कई जगहों से नहरों के टूटने की वजह से प्रदेश के 128 गांव और बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों में पिछले चौबीस घंटों के दौरान पानी घुसा है। वहीं बाढ़ व बारिश प्रभावित जिलों की संख्या 11 से बढ़कर 13 हो गई है। दो नये जिले पलवल और सिरसा हैं। पलवल के गांवों में यमुना नदी और सिरसा में घग्गर की वजह से बाढ़ के हालात पैदा हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 982 हो गई है।
20 की गई जान, 3 का सुराग नहीं
बाढ़, बारिश, मकान गिरने व करंट लगने आदि की वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 20 हो गया है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान ही चार लोगों की मौत की पुष्टि सरकार ने की है। इसी तरह से दो लोग अभी भी घायल हैं। तीन लोगों का पुलिस अभी तक सुराग नहीं लगा पाई है। ये अभी तक भी लापता हैं। इनके परिजनों द्वारा गुमशुदगी की शिकायत दी गई है।
262 मकानों में पहुंचा नुकसान
बाढ़ और बारिश की वजह से प्रदेशभर में अभी तक 262 लोगों के मकानों को नुकसान पहुंचा है। 127 लोगों के मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। पिछले चौबीस घंटों के दौरान एक और मकान गिरा है। वहीं जलभराव की वजह से क्षतिग्रस्त हुए मकानों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान ही 29 और मकानों को नुकसान पहुंचा है।