रोहतक के बाद अब तिहाड़ जेल में भी होगी प्राकृतिक खेती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशभर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं। इसके लिए केंद्रीय बजट में प्राकृतिक खेती के लिए अलग से बजट भी रखा गया है। हरियाणा की नायब सरकार भी प्राकृतिक खेती के लिए बजट में घोषणा कर चुकी है। आचार्य देवव्रत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद वे तिहाड़ जेल में आयोजित ‘एक कदम प्राकृतिक खेती की ओर’ कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने तिहाड़ में कैदियों व बंदियों को प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
तिहाड़ जेल प्रशासन की कोशिश है कि प्राकृतिक खेती के जरिये कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इतना ही नहीं, जेल प्रशासन ने तय किया है कि तिहाड़ जेल में होने वाली खेती की अतिरिक्त उपज को ‘तिहाड़ हॉट’ के माध्यम से मार्केट में बेचा जाएगा। इस प्रशिक्षण शिविर के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन के अलावा दिल्ली सरकार के गृह मंत्री आशीष सूद भी मौजूद रहे। गृह विभाग व सेवाएं के प्रमुख सचिव ए़ अन्बरासु, तिहाड़ जेल के महानिदेशक सतीश गोलचा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया था कि तिहाड़ जेल परिसर में उपलब्ध कृषि योग्य भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाए। साथ ही, जेल में बंद कैदियों को इस पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे जेल से बाहर निकलने के बाद समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जी सकें और कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें।
रोहतक से हुई थी शुरुआत
जेलों में प्राकृतिक खेती की शुरुआत सबसे पहले रोहतक की सुनारियां जेल से हुई थी। उस समय जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने आचार्य देवव्रत को विशेष रूप से जेल में आमंत्रित किया था ताकि कैदियों व बंदियों को प्राकृतिक खेती के बारे में बताया जा सके। जेल की कृषि योग्य भूमि पर प्राकृतिक खेती हो भी रही है। तिहाड़ जेल में कैदियों से बातचीत के दौरान आचार्य देवव्रत ने रोहतक जेल का विशेष तौर पर जिक्र किया। जेल विभाग की नौकरी से वीआरएस लेने के बाद सुनील सांगवान राजनीति में आ चुके हैं और वर्तमान में वे चरखी दादरी से भाजपा विधायक हैं।