दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 अगस्त
हरियाणा व पंजाब विधानसभा के बाद अब लोकसभा में केंद्र सरकार भी हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के फार्मूले पर काम करेगी। बताया गया है कि लोकसभा में बिना कोरोना टेस्ट किसी के भी प्रवेश न करने देने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री व लोकसभा अध्यक्ष से लेकर सभी कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों व अधिकारियों को कोरोना टेस्ट कराना होगा। 72 घंटे पहले की कोरोना रिपोर्ट ही मान्य होगी। मालूम हो, हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में ऐसा ही किया गया था।
हरियाणा कैबिनेट ने 26 अगस्त से मानसून सत्र बुलाने का फैसला लिया था, इसके बाद विज ने स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से बात करके उन्हें सुझाव दिया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नेगेटिव रिपोर्ट के बगैर सभी की एंट्री रोकने की मांग की थी। स्पीकर को भी यह बात सही लगी और उन्होंने इसके लिए आदेश जारी किए थे। इसका फायदा यह हुआ कि सीएम मनोहर लाल खट्टर, खुद स्पीकर सहित 6 से अधिक विधायक पॉजिटिव मिले।
बेशक, इस वजह से सत्र को एक ही दिन में निपटा दिया गया लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकने में यह फैसला काफी कारगर रहा। अब सरकार ही नहीं, ब्यूरोक्रेसी के लोग भी मान रहे हैं कि विज ने यह फैसला नहीं किया होता तो विस में संक्रमण फैलता। पूरी सरकार ही नहीं, विपक्ष भी महामारी की चपेट में आ सकता था। बिना टेस्ट के विधायक, अधिकारी-कर्मचारी व पत्रकार विधानसभा में प्रवेश करते। विधायकों के अलावा सीएमओ के कर्मचारियों, विधानसभा के अनेक कर्मचारियों-अधिकारियों के अलावा सिक्योरिटी जवानों को संक्रमण की पुष्टि हुई है। बिना टेस्ट के इनकी एंट्री विधानसभा में होती तो वहां संक्रमण का फैलाव तेजी से होता। मंत्रियों-विधायकों के अलावा आला अफसर भी इसकी चपेट में आते।
पंजाब विधानसभा में सत्र से पहले हुए टेस्ट
हरियाणा के इस फैसले को पड़ोसी राज्य पंजाब ने भी अपनाया। पंजाब में 28 अगस्त को मानसून सत्र हुआ। कुल 117 विधायकों में से महज 56 विधायकों की एंट्री ही विधानसभा में हुई। एक ही दिन में पंजाब में 30 विधायक कोरोना पॉजिटिव मिले। अब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी खुद को क्वारंटाइन कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने भी 14 सितंबर से शुरू होने वाले लोकसभा के मानसून सत्र में हरियाणा पैटर्न पर कोरोना का टेस्ट सभी के लिए अनिवार्य कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने विज द्वारा लिए गए स्टैंड की तारीफ भी की है।
हरियाणा सचिवालय में होंगे सभी के टेस्ट
हरियाणा सिविल सचिवालय में कोरोना के तीन दर्जन के करीब मामले सामने आने के बाद मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने बाहरी लोगों का सचिवालय में प्रवेश बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, 31 अगस्त को सचिवालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के टेस्ट होंगे। सेक्टर-17 स्थित लघु सचिवालय के अलावा पंचकूला स्थित राज्य सरकार के प्रदेश स्तरीय कार्यालयों में भी ये टेस्ट होंगे।