टोहाना, 23 दिसंबर (निस)
बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि समाज में अधिवक्ता का महत्वपूर्ण योगदान है। संविधान में जो हमें अधिकार दिए हैं, उन अधिकारों में अगर कोई त्रुटि रहती है या किसी प्रकार से प्रशासनिक व्यवस्था की वजह से किसी नागरिक को कोई परेशानी आती है तो उसका समाधान करने के लिए अधिवक्ता की जिम्मेदारी बनती है।
उन्होंने कहा कि अधिवक्ता के माध्यम से बहुत सारे लोगों को उनके अधिकार मिलते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुत सी व्यवस्थाओं का परिवर्तन किया गया है और अंग्रेजों के समय से चलते आ रहे ऐसे कानून जो नागरिकों के लिए बाधा पैदा कर रहे थे। ऐसे कानूनों में बदलाव किया गया। इससे पहले ऐसे कानूनों में परिवर्तन करना तो दूर की बात उस पर विचार ही नहीं हुआ। ऐसे कानूनों पर न केवल विचार हुआ बल्कि वर्तमान सरकार ने अनुकूल समय अनुसार उसमें परिवर्तन किया।
वर्ष 2014 के बाद देश-प्रदेश की वर्तमान सरकार ने बहुत सारे विषय को समझने का काम किया है जो सामाजिक संगठनों के द्वारा बार-बार उठाए गए थे। धारा 370 जैसे बहुत सारे ऐसे मूल विषय हैं उनके ऊपर भी काम किया है जिसके बहुत ही सफल प्रयास रहे जो लगभग साढ़े 10 वर्षों के बाद दिखाई दे रहे है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि एक-एक विषय पर नागरिकों के सामने चर्चा हो कि देश के 75 साल के संविधान को अंगीकरण की यात्रा में किस तरह के पड़ाव आए हैं। जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की याद में अंर्तराष्ट्रीय स्तर का सभागार बनाने का काम किया।