हिसार, 14 जून (निस)
स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाने के लिए अब जन्म प्रमाण पत्र को सबसे अनिवार्य दस्तावेज किया गया है, इसके बिना अभिभावकों को निराश होकर ही लौटना पड़ेगा। नए दस्तावेज के लिए प्रदेशभर के डीईओ व डीईईओ का सतर्क कर दिया गया है।
विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों (अंक प्रमाण पत्र, आधारकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र) सहित अन्य कागजों में बच्चों की जन्मतिथि, नाम व पिता के नाम में फर्क आने के कारण शिक्षा विभाग व जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग ने स्कूलों में दाखिला लेते समय जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य दस्तावेज के तौर पर शामिल किया है, ताकि बच्चे की जन्म तिथि, नाम व पिता के नाम में किसी प्रकार का परिवर्तन न हो सके और सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ का लाभार्थी को फायदा मिल सके।
इतना ही नहीं, अब शिक्षा बोर्ड यानी बोर्ड कक्षाओं के फार्म भरते समय भी स्कूलों द्वारा बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को साथ लगाना होगा, ताकि शिक्षा बोर्ड भी अपने स्तर पर यह जांच सके कि शिक्षकों द्वारा फार्म में भरा गया बच्चों का डाटा पूर्ण रूप से मिलान कर रहा है, ताकि अंकतालिका की छपाई करवाते समय किसी प्रकार की गलती ना हो सके और जन्मतिथि, नाम व पिता का नाम बदलवाने के लिए अभिभावकों, बच्चों व शिक्षकों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चक्कर ना काटने पड़े। जन्म-मृत्यु के चीफ रजिस्ट्रार ने भी इसके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को अनिवार्य करने के लिए कहा है, ताकि जन्म प्रमाण पत्र में अभिभावकों द्वारा किसी प्रकार की त्रुटि की आशंका न रहे रहे।
डीईओ ने कहा
हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कुलदीप सिहाग ने पुष्टि करते हुए बताया कि विभाग व बोर्ड द्वारा स्कूलों में किसी भी कक्षा में प्रवेश के लिए जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य किया गया है, जिसके बारे में सभी स्कूल मुखियाओं को सूचित कर दिया गया है।