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प्रशासन ने तोड़ा 40 साल पुराना घर, प्रचंड गर्मी में खुले में रह रही मां-बेटी

मंडी अटेली का महासर गांव
मंडी अटेली के गांव महासर में शुक्रवर को खुले में पड़ा सामान दिखाती पीड़ित महिला व उसकी बेटी। -निस
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मंडी अटेली, 14 जून (निस)

अटेली खंड का गांव महासर में एक अनूसचित जाति का बीपीएल परिवार चिलचिलाती धूप व 46 डिग्री से अधिक तापमान में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो। प्रंचड गर्मी में ही महिला अपनी जवान बेटी के साथ उजड़े हुए घर के पास खाना बनाने व अपने पशुओं के रखवाली कर रही है। महिला का पति, देवर व 17 वर्षीय पुत्र जेल में है, लेकिन उनकी जमानत करवाने वाला कोई नहीं है। महिला का आरोप है कि उसने सरपंच को वोट नहीं दिया, इसलिए ग्राम पंचायत ने उसके आशियाने को प्रशासन की मदद से लेकर हटाने के साथ उसके सामान को भी आग लगा दी। उसको बेदखल करने के साथ उस पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के साथ उसके पति महेंद्र, देवर मुकेश व 17 वर्षीय नाबालिग लड़के को जेल भिजवा दिया। महिला ने अनुसूचित आयोग, महिला आयोग, जिला प्रशासन से उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कर सरपंच समेत उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। पीडि़त महिला व गांव के गणमान्य लोगों ने बताया कि दबंग लोगों ने गांव की जमीन के अलावा कृषि योग्य भूमि को कब्जाया हुआ है, लेकिन सरपंच उन पर कार्रवाई नहीं कर रहे।

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गांव महासर की अनूसचित जाति की बीपीएल परिवार की महिला शीलवंती ने बताया कि करीब 28 साल पहले महासर गांव में महेंद्र पुत्र प्रहलाद के यहा इसी छप्पर में शादी करके आई थी। कोई प्लाट नहीं होने के चलते पहले की पंचायतों व गांव के मौजिज लोगों ने उसे यह जगह रहने के लिए प्रदान की थी। वह तथा उसका पति मजदूरी (फेरी) लगा कर दोनों बच्चों को पढ़ा रहे थे। उसकी बड़ी लड़की अचला ने बीए की तथा लड़के अंकित ने इसी वर्ष 12वीं में 85 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं। महिला ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले हुए ग्राम पंचायत के चुनावों में वर्तमान सरपंच को वोट नहीं देने के कारण उसके आशियाने को अवैध कब्जा सिद्ध कर घर को 5 जून को जेसीबी से तोड़कर उसे बेघर कर दिया गया। इतना ही नहीं उसके सामान को भी आग के हवाले कर दिया गया। उसे बेघर करने आये दस्ते व सरपंच ने षड‍्य़ंत्र के तहत उसके घर को आग लगा कर व विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करवा कर उसके पति, देवर व बेटे को जेल भिजवा दिया है। अब उसके पास इतने भी पैसे नहीं है कि उनकी जमानत करवा ले। गांव वाले पिछले 10 दिन से खाना देकर उनका पेट भर रहे हैं। महिला ने बताया कि गांव में अनेक लोगों ने अवैध कब्जे किये हुए है लेकिन उसे टारगेट किया गया है।

सर्व अनुसूचित जाति सघंर्ष समिति के महासचिव व कबीर सामाजिक उत्थान संस्था के प्रमुख सलाहकार बिरदीचंद गोठवाल ने बताया कि वोटों के कारण परिवार को उजाड़ना गलत है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दलित परिवार को उजाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये।

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