आदित्य ने उठाई डबवाली को जिला बनाने की मांग, फसलों के मुआवजे पर अर्जुन टकराए
हरियाणा विधानसभा का सोमवार का सत्र इनेलो विधायकों के तेवरों से गरमा गया। इनेलो विधायक दल के नेता व डबवाली विधायक अादित्य देवीलाल और रानियां विधायक अर्जुन चौटाला ने सरकार को घेरते हुए एक के बाद एक मुद्दे दागे। डबवाली को जिला बनाने से लेकर महाग्राम योजना के घटिया काम, ओटू डैम की अनदेखी और बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों पर मुआवजा - दोनों विधायकों ने सरकार की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया।
अादित्य देवीलाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि डबवाली को जिला बनाने के लिए सभी मापदंड पूरे हैं। इस बाबत सरकार को रिप्रेजेंटेशन भी दिया जा चुका है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सरकार को चुनौती दी - अगर डबवाली जिला बनाने के लिए और कोई कसौटी बची है तो बताओ, हम उसे भी पूरा कर देंगे। उन्होंने चौटाला गांव को महाग्राम योजना में शामिल करने के बावजूद घटिया काम होने का आरोप लगाया। अादित्य बोले, गांव की गलियां उखाड़ दी गईं, घटिया मेटेरियल से काम चल रहा है।
शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। गांववासी भारी परेशानी से गुजर रहे हैं। ओटू डैम का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2005 के बाद उसकी खुदाई तक नहीं हुई। नतीजतन डैम की पानी रोकने की क्षमता काफी कम हो गई है। उन्होंने मांग रखी कि खुदाई तत्काल कराई जाए ताकि खरीफ चैनलों से पानी गांव और किसानों तक पहुंच सके। इसके अलावा राजस्थान कैनाल पर बने पांच पुलों की हालत पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि पुल इतने जर्जर हैं कि सरकार खुद खतरे का बोर्ड लगा चुकी है, लेकिन मरम्मत करने को कोई तैयार नहीं। अादित्य ने गंगा गांव में गुरु जंभेश्वर सेंटर का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने कहा कि इसके लिए 4.80 करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं लेकिन काम आज तक शुरू नहीं हुआ। साथ ही, ढाणियों की बिजली समस्या पर उन्होंने सुझाव दिया कि विधायक ग्रांट में प्रावधान किया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर बिजली की समस्या का समाधान हो सके।
किसानों के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया
इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने जलभराव से बर्बाद हुई फसलों का मामला जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने रोहतक, हिसार, भिवानी, झज्जर समेत कई जिलों में किसानों की हजारों एकड़ फसलें तबाह कर दीं। आंकड़े गिनाते हुए बताया कि रोहतक में 19 हजार, भिवानी और झज्जर में 12-12 हजार, हिसार में 7 हजार, सिरसा में 2 हजार एकड़, यमुनानगर में 500, कुरुक्षेत्र में 800 तथा फतेहाबाद में 1800 एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने कहा, किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। चारे का संकट गहराने लगा है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।