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आदि शंकराचार्य ने वेदों को सरल भाषा में आमजन तक पहुंचाया

महिला विवि में संगोष्ठी, प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा बोले

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सोनीपत में सोमवार को भगत फूल सिंह महिला विवि., खानपुर कलां में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा। -हप्र
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सोनीपत, 18 मार्च (हप्र)

हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद, पंचकूला के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति व अध्यात्म के पुरोधा जगदगुरु आदि शंकराचार्य ने भारतवर्ष को आध्यात्म के द्वंद्व से निकालकर एक नयी दिशा दी है। उन्होंने वेदों को सरल भाषा में समाज के सम्मुख प्रस्तुत किया।

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भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय में ‘जगदगुरु शंकराचार्य के दर्शन’ पर आयोजित संगोष्ठी प्रो कैलाश चंद्र शर्मा ने उद्घाटन किया और यह बात कही। शंकराचार्य ने संवाद, शास्त्रार्थ तथा भारतीय वेदों, गीता और उपनिषदों पर भाष्य लिखकर यह प्रमाणित किया है कि भारतीय जीवन शैली श्रेष्ठ है। प्रो़ कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि भारतीय भाषा समिति देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में जगदगुरु शंकराचार्य के व्याख्यान के लिए सहयोग कर रही है। इस व्याख्यान का उद्देश्य आदि शंकराचार्य के जीवन दर्शन को छात्र समुदाय के मध्य लाना है। संगोष्ठी में कुलपति प्रो. सुदेश ने कहा कि यह संगोष्ठी विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति और भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी। कुलपति प्रो. सुदेश ने कहा कि जगदगुरु शंकराचार्य ने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली के प्रो. रजनीश कुमार मिश्रा ने कहा कि बहुप्रचार व दुष्प्रचार के कारण अद्वैत मत को लेकर अनेक भ्रांतियां समाज में व्याप्त हैं। भारतीय चिंतन शैली वैश्विक है। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रो. विभा अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।

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