भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, 50 वर्ष की उम्र में होगा रिव्यू, जबरन रिटायर कर सकेगी सरकार
चंडीगढ़, 22 फरवरी (ट्रिन्यू)
भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को सरकार ने घर भेजने का रास्ता अपनाने का मन बना लिया है। 50 वर्ष की उम्र में ही ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जा सकेगा। अब सरकार 50 वर्ष की उम्र में अधिकारियों की सर्विस, उनके ट्रैक रिकार्ड व इमेज का रिव्यू करेगी। एक एचसीएस अधिकारी को सेवानिवृत्त करने के बाद सरकार ने अब ग्रुप-बी के एक अधिकारी की एक्सटेंशन पर रोक लगाकर समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया है।
2011 बैच के एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार को सरकार पहले ही जबरन रिटायर कर चुकी है। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 2024 में रिश्वतखोरी के 155 मामले दर्ज किए। इनमें 104 ट्रैप लगाए गए। पकड़े गए लोगों में 6 राजपत्रित, 80 गैर-राजपत्रित अधिकारी तथा 31 निजी व्यक्ति शामिल थे। प्रदेश में 58 वर्ष की उम्र में कर्मचारी रिटायर होते हैं। अभी तक सरकार आमतौर पर 55 वर्ष की उम्र में अधिकारियों व कर्मचारियों का रिव्यू करती थी। लेकिन अब 50 वर्ष की उम्र में ही पहला रिव्यू हो जाएगा। इसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) अहम भूमिका निभाएगी। अगर वे भ्रष्टाचार के केस में पकड़े गए हैं या इस तरह के मामले में संलिप्त हैं तो 50 वर्ष की उम्र के बाद उसे नौकरी पर नहीं रखा जाएगा।
सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि सरकारी सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके तहत भ्रष्टाचार में संलिप्त अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब अफसरों की 50 वर्ष में होने वाली एक्सटेंशन को रिव्यू के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत ग्रुप-बी के एक अफसर की एक्सटेंशन को खारिज कर दिया गया है। जल्द ही उक्त अफसर को रिटायर करने के आदेश जारी किए जाएंगे।