जुलाना रैली के बाद जजपा नेताओं पर एक्शन, दिग्विजय चौटाला-फाजिलपुरिया समेत कई की सुरक्षा हटाई
जननायक जनता पार्टी (जजपा) के जुलाना में आयोजित आठवें स्थापना दिवस समारोह के बाद राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया है। रैली के अगले ही दिन राज्य पुलिस विभाग ने जजपा से जुड़े कई प्रमुख नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली।
सुरक्षा हटाने की इस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि जिन नेताओं की सुरक्षा वापस हुई है, उनमें वे नाम भी शामिल हैं, जिन पर हमले हो चुके हैं या जिन्हें पूर्व में जान से मारने की धमकियां मिली थीं। बुधवार को जिन नेताओं की सुरक्षा वापसी का आदेश जारी हुआ है, उनमें जजपा यूथ विंग अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के ससुर और पूर्व एडीजीपी परमजीत सिंह अहलावत, गायक व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी राहुल फाजिलपुरिया, सोहना से चुनाव लड़ चुके विनेश गुर्जर तथा वरिष्ठ नेता देवेंद्र कादियान शामिल हैं। राहुल फाजिलपुरिया पर कुछ समय पहले फायरिंग की घटना हुई थी।
इसकी शिकायत स्वयं दुष्यंत चौटाला ने सरकार से की थी। वहीं, दिग्विजय चौटाला को भी धमकी मिलने के बाद सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। जुलाना रैली में दुष्यंत चौटाला ने कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह के उस बयान पर सवाल उठाए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘थार और बुलेट पर घूमने वालों का दिमाग सटका होता है’। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह सामान्य समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें किसी राजनीतिक दबाव की भूमिका नहीं।
जजपा नेताओं ने सुरक्षा हटाने को सरकार की बौखलाहट बताया है। उनका कहना है कि जिन लोगों को धमकियों और हमलों के बाद सुरक्षा दी गई थी, उन्हीं की सुरक्षा अचानक वापस ले ली गई, जबकि इनेलो प्रमुख अभय चौटाला की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पार्टी का आरोप है कि यह फैसला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और जनता ऐसे संदेशों को भली-भांति समझती है।
