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सटीक निदान से श्वसन रोगियों की बच सकती है जान : डॉ. कौशल

सांस की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का फोर्टिस मोहाली में सफल इलाज
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते डॉ. मोहित कौशल।
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फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग ने डिसेमिनेटेड ट्यूबरकुलोसिस (टीबी), एलर्जिक ब्रॉन्कोपल्मोनरी एस्परजिलोसिस (एबीपीए) और सीवियर ब्रॉन्कियल अस्थमा विद स्मॉल एयरवेज़ डिजीज (एसएडी) जैसी पुरानी सांस की बीमारियों से पीड़ित कई मरीजों को नया जीवन दिया है। फोर्टिस मोहाली के पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. मोहित कौशल ने बताया कि उनके नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने समय रहते सटीक निदान और उचित उपचार कर मरीजों की जान बचाई।

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उन्होंने बताया कि सिरसा के 29 वर्षीय युवक को तीन महीने से तेज बुखार व सांस लेने में तकलीफ थी। अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई। उसे गंभीर श्वसन विफलता और लीवर डैमेज के साथ फोर्टिस मोहाली लाया गया। पीईटी-सीटी स्कैन में उनके फेफड़ों के चारों ओर तरल पदार्थ जमा (प्लूरल इफ्यूजन) और पसलियों में घातक घाव दिखाई दिए। डॉ. मोहित कौशल ने प्लूरल फ्लूइड और बायोप्सी की जांच के आधार पर उसकी बीमारी को 'डिसेमिनेटेड टीबी' के रूप में पहचाना (एक दुर्लभ स्थिति] जिसमें टीबी रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों में फैल जाती है)। त्वरित उपचार के बाद मरीज की स्थिति में सुधार हुआ और 8वें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब वह नियमित फॉलोअप पर है।

दो अन्य मामले बताते हुए डॉ. मोहित कौशल ने बताया कि 27 वर्षीय महिला को पिछले कुछ वर्षों से खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बहती नाक और सीने में जकड़न की समस्या थी। उन्होंने फोर्टिस सिरसा की ओपीडी में डॉ. मोहित कौशल से परामर्श किया। जांच के बाद उनका एलर्जिक ब्रोंकोपल्मोनरी एस्परजिलोसिस (एबीपीए) के साथ ब्रोंकैकटेसिस होने का निदान किया गया।

एक अन्य मामले में, 73 वर्षीय पुरुष पिछले दो वर्षों से श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण बिस्तर पर ही सीमित थे। वे लंबे समय से स्टेरॉइड्स का सेवन कर रहे थे, लेकिन उनके लक्षणों में कोई सुधार नहीं हो रहा था। उन्होंने सिरसा में डॉ. मोहित कौशल से परामर्श लिया, जहां उनका सीवियर ब्रोंकियल अस्थमा के साथ स्मॉल एयरवेज डिज़ीज़ (एसएडी) और हाइपोकोर्टिसोलिक स्टेट का निदान किया गया ।

डॉ. मोहित कौशल ने कहा, 'सभी मामलों में सही समय पर सटीक निदान नहीं हो पाने के कारण मरीजों की स्थिति और अधिक गंभीर होती चली गई। जब ये मरीज फोर्टिस मोहाली और सिरसा ओपीडी में पहुंचे, तब इनकी हालत काफी नाजुक थी। हमने सभी का विस्तृत चिकित्सीय परीक्षण किया और समय रहते बीमारी का पता लगाकर उनका प्रभावी उपचार किया।' उन्होंने आगे बताया, 'श्वसन संबंधी रोगों के सामान्य लक्षणों में सांस फूलना, सीने में जकड़न या दर्द, सांस छोड़ते समय घरघराहट और सर्दी या फ्लू जैसी किसी वायरस से संक्रमित होने पर खांसी का बढ़ जाना शामिल हैं। यदि किसी को ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत किसी पल्मोनोलॉजिस्ट (श्वसन रोग विशेषज्ञ) से परामर्श लेना चाहिए।'

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