दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 दिसंबर
हरियाणा में अब गांवों के बाहर भी शहरों की तर्ज पर कालोनियां विकसित होंगी। प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार इसका खाका तैयार करने में जुटी है। इसके पहले चरण में सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार भी हरियाणा की लाल डोरा मुक्त मुहिम के बाद राष्ट्रीय स्तर पर ‘स्वामित्व’ योजना लागू कर चुकी है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की तर्ज पर गांवों के विकास के लिए बने ग्रामीण विकास प्राधिकरण का इसमें अहम रोल रहेगा।
एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने इसकी पुष्टि की है। दरअसल, लाल डोरा गांवों की पारंपरिक लाइन है। गांवों में लोग लाल डोरा के अंदर ही बसते थे, लेकिन अब इसके बाहर भी निर्माण शुरू हो गए हैं। खेतों में भी लोग घर बना रहे हैं। लोग घर तो बना लेते हैं, लेकिन उन्हें बिजली-पानी, सड़क, सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती। लाल डोरा मुक्त करने को लेकर चल रही योजना पूरी होने के बाद दूसरे चरण पर काम होगा।
लाल डोरा मुक्त होने के बाद सरकार के पास हर गांव का पूरा डाटा उपलब्ध होगा। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि गांवों की मौजूदा आबादी के हिसाब से मूलभूत सुविधाएं हैं या नहीं। बड़ी संख्या में ऐसे गांव हैं, जिनमें आबादी बढ़ गई है, लेकिन सुविधाएं पुरानी ही हैं। ऐसे गांवों को चिह्नित करके गांवों से बाहर आवासी कालोनियां विकसित होंगी। इसके लिए पंचायती व शामलात जमीन का इस्तेमाल होगा। इन कालोनियों में सभी प्रकार की सुविधाएं होंगी।
दूसरी ओर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिए हैं। रेवन्यू अधिकारियों के खिलाफ लंबित शिकायतों पर कड़ा नोटिस लिया है। प्रदेश मुख्यालय से लोगों की शिकायतें कार्रवाई के लिए फील्ड के अधिकारियों के पास भेजी जाती हैं। डीसी को कहा गया है कि वे मुख्यालय से आने वाली शिकायतों का एक महीने के अंदर निपटारा
करें। शिकायतकर्ता का संतुष्ट होना अनिवार्य है। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय को भेजनी होगी।
हर साल होने वाली सामान्य गिरदावरी हो चुकी है। पिछले दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए सरकार ने स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए थे। कुछ जिलों से इसकी रिपोर्ट आ गई है लेकिन कई जिलों से अभी रिपोर्ट आनी बाकी है।
निपटेंगे चार्जशीट वाले केस
प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे रेवन्यू अधिकारी हैं, जिन्हें अंडर रूल-7 और 8 के तहत चार्जशीट किया हुआ है। इनमें काफी मामले सही भी हैं और कई मामलों में अधिकारियों के साथ ज्यादती भी हुई है। स्थिति यह है कि 2014 से लेकर अब तक की बड़ी संख्या में चार्जशीट पेंडिंग हैं। एफसीआर से सभी चार्जशीट तलब कर ली हैं। अब इन सभी पर फैसला होगा। जो अधिकारी दोषी होंगे, उन पर एक्शन होगा और जिनका कसूर नहीं है, उनकी चार्जशीट ड्रॉप की जाएंगी।