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भाजपा के ‘चक्रव्यूह’ में फंसे अभिमन्यु, कुलदीप हुए ‘संयमित’ नाराज

हिसार लोकसभा सीट
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कुमार मुकेश/हप्र

हिसार 26 मार्च

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हिसार लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु अपनी पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा बुने गए ‘चक्रव्यूह’ में फंस गए। वहीं पार्टी में शामिल हुए ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह को चंद मिनट बाद ही टिकट मिल गया। दूसरे प्रबल दावेदार हिसार से पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के लिए भी यह झटके से कम नहीं है, लेकिन इस बार वे कुछ संयमित ढंग से नाराज नजर आ रहे हैं। हालांकि उनके समाज की बिश्नोई सभा खुलकर भाजपा के विरोध में उतर आई है।

वहीं दूसरी ओर, हिसार लोकसभा सीट पर चौटाला परिवार के ससुर-बहुओं के बीच मुकाबला बनता आ रहा है। ऐसे में अब देखना यह है कि टिकट काटने के लिए ‘चक्रव्यूह’ बुनने वाले कामयाब होते हैं या इस चक्रव्यूह से बनी व्यूह रचना कांग्रेस को फायदा देती है। इस सीट पर अब कांग्रेस का दाव काफी निर्णायक सिद्ध होगा। भाजपा ने सोमवार को हिसार लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के तौर पर रानियां से निर्दलीय विधायक एवं नायब सिंह सरकार के ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है।

इस घोषणा से कुछ समय पूर्व ही रणजीत सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। 78 वर्षीय रणजीत सिंह पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवी लाल के पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं। भाजपा की तरफ से कैप्टन अभिमन्यु ने पहली बार हिसार लोकसभा सीट से तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए हिसार में अपनी सक्रियता भी बढ़ा दी थी। पूर्व सैनिकों के वोट बैंक, नारनौंद विधानसभा से पूर्व विधायक आदि उपलब्धियों को गिनाकर वे यहां से अपनी दावेदारी भी मजबूत मान रहे थे। इसी प्रकार कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई ने पिछले साल दिसंबर माह में हुई अपने दोनों बेटों भव्य बिश्नोई व चैतन्य बिश्नोई की शादी के बहाने पूरे लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का आदमपुर में खाना किया और हर हलके में जाकर शादी के कार्ड बांटें। उन्होंने बेटों की शादी के बहाने हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की तैयारी कर ली थी।

बिश्नोई को टिकट ना मिलने पर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के आमंत्रित सदस्य अनिल ज्याणी ने कहा कि कुछ दिनों से यह आम चर्चा थी कि हिसार लोकसभा से कुलदीप बिश्नोई को भाजपा चुनाव मैदान में उतारेगी। मगर उनकी जगह कांग्रेस से आए रणजीत सिंह को टिकट देकर भाजपा ने पूरे समाज की अनदेखी की है। उनका कहना है कि भव्य बिश्नोई को भी मंत्रिमंडल में शामिल न करके भाजपा ने अपनी असली चेहरा दिखा दिया है। हरियाणा ही नहीं, देशभर के बिश्नोई समाज के लोग भाजपा से नाराज हैं।

राजस्थान के कार्यकर्ता मायूस

कुलदीप बिश्नोई ने भी संयमित नाराजगी दर्शाते हुए एक वीडियो जारी किया और कहा कि लोकसभा टिकट न मिलने पर हरियाणा के साथ ही राजस्थान के कार्यकर्ताओं में मायूसी है लेकिन उनको मायूस होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिंदगी बहुत लंबी है। अभी वक्त है कि हरियाणा की सभी 10 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को जिताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत किया जाए। दूसरी तरफ चर्चा यह है कि इनेलो यहां से रणजीत सिंह के भाई प्रताप चौटाला की पुत्रवधू सुनैना चौटाला को और जजपा डॉ़ अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला को यहां से लोकसभा प्रत्याशी बना सकती है। ऐसे में दो बहुओं व एक ससुर के बीच मुकाबला रोचक होगा वहीं एक ही परिवार के वोट बैंक तीन जगह बंटने से इसका फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को होगा।

रणजीत सिंह का राजनीतिक सफर

रणजीत सिंह सातवीं विधानसभा में रोड़ी हलके से लोकदल की टिकट से विधायक बने। वे अपने पिता ताऊ देवीलाल की सरकार में कृषि मंत्री रहे। 1990 में वे राज्यसभा सांसद बने और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में वर्ष 2005 से 2009 तक राज्य योजना बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन भी रहे। 2019 में कांग्रेस छोड़कर रानियां से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

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