दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 जनवरी
शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ताधारी भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। बेशक, वोट प्रतिशत और कांग्रेस के मुकाबले अधिक जगहों पर जीत हासिल करने को ही भाजपा अपनी उपलब्धि मान रही है, लेकिन सत्ता में होते हुए भी निकाय चुनाव में भाजपा के प्रति दिखी नाराजगी उसे सचेत होने को कह रही है। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं प्रो़ रामबिलास शर्मा और कैप्टन अभिमन्यु की ग्राउंड पर की गई मेहनत जरूर रंग लाती नजर आई।
भाजपा ने निकायों के लिए चुनाव संचालन समिति का गठन किया था और चुनाव प्रभारी व सहप्रभारी भी नियुक्त किए थे। इनके अलावा खुद सीएम मनोहर लाल खट्टर, प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ सहित कई दिग्गज नेता चुनाव में डटे हुए थे, लेकिन नतीजे फिर भी अच्छे नहीं मिले। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा को रेवाड़ी नगर परिषद का चुनाव प्रभारी लगाया हुआ था। यहां चेयरपर्सन पद पर भाजपा की पूनम यादव को जीत दिलवा प्रो़ शर्मा ने इलाके में अपनी मजबूत पकड़ का अहसास करवाया। विपरीत हालात में भी रेवाड़ी में कमल खिलने के पीछे बड़ी भूमिका रामबिलास शर्मा की रही। इसी तरह से पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने पंचकूला नगर निगम में अच्छा काम किया। उन्होंने मेयर के लिए ही नहीं, कई वार्डों में पार्षद पद के उम्मीदवारों के लिए भी चुनावी सभाएं कीं। पंचकूला से भाजपा के कुलभूषण गोयल मेयर भले ही कम वोट के अंतर से बने हैं, लेकिन यहां कांग्रेस के ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने में अभिमन्यु सफल रहे। पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष तथा हरियाणा पब्लिक इंटरप्राइजेज ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला अम्बाला सिटी नगर निगम में अच्छा प्रदर्शन नहीं करवा पाए। केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया के अलावा कई वरिष्ठ नेता भी अम्बाला में डटे हुए थे, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पकड़ के सामने भाजपा टिक नहीं पाई।
माना जा रहा है कि अम्बाला सिटी से विधायक असीम गोयल की पसंद से मेयर उम्मीदवार नहीं देने का नुकसान भी भाजपा को झेलना पड़ा। भाजपा प्रवक्ता संजय शर्मा की पत्नी डॉ़ वंदना शर्मा पर दांव खेला था, लेकिन विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी की ‘सियासी ताकत’ के सामने वे ठहर नहीं पाईं। भाजपा ने यमुनानगर के मेयर मदन चौहान को पंचकूला, करनाल की मेयर रेणुबाला गुप्ता को करनाल तथा रोहतक मेयर मनमोहन गोयल को सोनीपत में सह-प्रभारी लगाया हुआ था।
सोनीपत नगर निगम के चुनाव प्रभारी शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर थे। गुर्जर ने यहां प्रचार भी किया और पार्टी नेताओं व वर्करों के साथ बैठकें भी की। सोनीपत को निगम का दर्जा देने के करीब 6 वर्षों में पहली बार चुनाव हुआ था। शहर में सुरेंद्र पंवार पहले से ही कांग्रेस विधायक हैं। अब मेयर भी कांग्रेस के ही निखिल मदान बने हैं।
सांपला में भाजपा, धारूहेड़ा-उकलाना में जजपा नहीं हो सकी कामयाब
सांपला, धारूहेड़ा व उकलाना नगर पालिका में भाजपा-जजपा को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। सांपला में भाजपा तो धारूहेड़ा व उकलाना में जजपा उम्मीदवार निर्दलीयों के सामने नहीं िटक पाए। भाजपा ने धारूहेड़ा के लिए मनीष मित्तल को प्रभारी व कल्याण सिंह को सहप्रभारी, उकलाना के लिए ओमप्रकाश पहल को प्रभारी व सुरेंद्र पुनिया को सहप्रभारी तथा सांपला के लिए मुकेश गौड़ को प्रभारी व सतीश नांदल को सहप्रभारी नियुक्त किया था। पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर भी यहां सकि्रय थे, लेकिन बात नहीं बन पाई। वहीं शिक्षा मंत्री प्रो़ कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता में बनी चुनाव संचालन समिति भी कुछ खास नहीं कर पाई। इस समिति में रामबिलास शर्मा, सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु, एडवोकेट वेदपाल, यमुनानगर के मेयर मदन चौहान, करनाल मेयर रेणुबाला गुप्ता व रोहतक मेयर मनमोहन गोयल बतौर सदस्य शामिल थे। वहीं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व रतनलाल कटारिया तथा सोनीपत सांसद रमेश कौशिक विशेष आमंत्रित सदस्य थे।