AAP vs BJP नायब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी पर ‘आप’ हमलावर
हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर संग्राम तेज हो गया। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा ने प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई नई भूमि अधिग्रहण नीति किसानों को प्रताड़ित करने और भाजपा नेताओं व दलालों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
ढांडा ने दावा किया कि सरकार 35 हजार एकड़ से ज्यादा उपजाऊ जमीन किसानों से लेने जा रही है। उन्होंने कहा, “इसे किसान हितैषी बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि यह योजना छोटे किसानों को उजाड़ने और बिचौलियों की जेब भरने के लिए है।”
छोटे किसानों को बड़ा नुकसान
आप नेता ने आरोप लगाया कि नई पॉलिसी के तहत 10 एकड़ से कम जमीन वाले किसान सीधे सरकार को जमीन नहीं बेच सकते। उन्हें दलालों के जरिए ही अपनी जमीन देनी होगी। ऐसे में दलाल और भाजपा नेता ‘बिचौलिये’ बनकर मुनाफा कमाएंगे।
ढांडा ने कहा कि बड़े किसान अपनी जमीन का हिस्सा छोड़ सकते हैं, लेकिन छोटे किसान को मजबूरन पूरी जमीन ही देनी होगी। किसानों को केवल सर्किल रेट का तीन गुना मुआवजा मिलेगा, जबकि बाजार भाव कहीं अधिक है। पॉलिसी में यह भी प्रावधान है कि जो सर्किल रेट पर जमीन खरीदेगा, उसे अतिरिक्त तीन एकड़ जमीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि छोटे किसान न अपनी जमीन बचा पाएंगे और न ही मुआवजे से दूसरी जमीन खरीद पाएंगे। ढांडा का आरोप था कि जिन इलाकों में जमीन ली जानी है, वहां मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं के करीबियों ने पहले से ही सैकड़ों एकड़ जमीन खरीद रखी है।
विज और कांग्रेस पर सवाल
ढांडा ने भाजपा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विज ने पहले आईएमटी प्रोजेक्ट का विरोध किया था, लेकिन अब अम्बाला में 5 हजार एकड़ उपजाऊ जमीन ली जा रही है और वह खामोश क्यों हैं?” कांग्रेस पर हमला बोलते हुए ढांडा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। “क्या कांग्रेस भी इस खेल में शामिल है?”
उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार कांग्रेस की मिलीभगत से बनी है और अब दोनों मिलकर किसानों की जमीन लूटने की तैयारी कर रहे हैं।
संघर्ष का ऐलान
अनुराग ढांडा ने चेतावनी दी कि यदि यह नीति लागू की गई, तो हरियाणा का छोटा किसान सड़क पर उतर आएगा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में किसान संगठन पहले ही इस नीति का विरोध कर रहे हैं। ढांडा ने सवाल उठाया कि जब छोटे किसान की जमीन ही छिन जाएगी तो वह जाएगा कहां, करेगा क्या?