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पक्का पुल धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, हजारों श्रद्धालुओं ने टेका माथा

घरौंडा, 13 मार्च (निस) मधुबन स्थित पक्के पुल धाम पर बाबा हजरत इलाही की मजार पर बृहस्पतिवार और होली का विशेष संयोग श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया। बृहस्पतिवार तड़के तीन बजे से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए...
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घरौंडा में पक्का पुल धाम पर माथा टेकने के लिए पहुंचे श्रद्धालु।-निस
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घरौंडा, 13 मार्च (निस)

मधुबन स्थित पक्के पुल धाम पर बाबा हजरत इलाही की मजार पर बृहस्पतिवार और होली का विशेष संयोग श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया। बृहस्पतिवार तड़के तीन बजे से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचने लगे और सुबह होते-होते हजारों की संख्या में भक्त कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। धार्मिक आस्था का यह केंद्र हर बृहस्पतिवार को भारी भीड़ आकर्षित करता है, लेकिन होली, दिवाली, आषाढ़ और ज्येष्ठ माह में इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। पक्के पुल धाम के सेवादार प्रेम सिंह ने बताया कि यहां टेकने के लिए केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं।

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श्रद्धालु राजेंद्र कुमार, रीना, प्रवीण कुमार, विनोद, रामसिंह, कालू व अन्य ने बताया कि बाबा के दरबार में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी इच्छा जरूर पूरी होती है। इसी विश्वास के कारण यहां भक्तों की भीड़ सालभर बनी रहती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण दर्शन करने के लिए दो से तीन घंटे का समय लग रहा था। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। श्रद्धालुओं के अनुसार, करीब 200 साल पहले गांव ऊंचा समाना में एक बड़ा जंगल था, जिसे चोर घाटी के नाम से जाना जाता था। अंग्रेजों के शासनकाल में जब शेरशाह सूरी मार्ग का निर्माण किया जा रहा था, तो बार-बार पुल टूट जाता था। इस दौरान निर्माण कार्य देख रहे ठेकेदार को सपना आया कि जिस स्थान पर पुल बनाया जा रहा है, वहां बाबा की मजार स्थित है और इसे मोड़े बिना पुल का निर्माण संभव नहीं होगा। इसके बाद जब मार्ग को थोड़ा मोड़ा गया, तो पुल बिना किसी बाधा के बन गया। इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने वहां बाबा का धाम स्थापित कर दिया।

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