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जींद के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर अध्यापिका ने लगाये शोषण के आरोप

जींद, 7 दिसंबर (हप्र) जींद शहर के सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने प्रिंसिपल पर शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने के आरोप लगाए हैं। इस मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन पर कार्रवाई करने की बजाय प्रिंसीपल को बचाने...

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जींद, 7 दिसंबर (हप्र)

जींद शहर के सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने प्रिंसिपल पर शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने के आरोप लगाए हैं। इस मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन पर कार्रवाई करने की बजाय प्रिंसीपल को बचाने के आरोप भी पीड़ित अध्यापिका द्वारा लगाए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता अध्यापिका ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले स्कूल में प्रिंसीपल ने एक शिक्षक के खिलाफ किसी मामले को लेकर पुलिस को शिकायत दी थी। प्रिंसीपल उसे शिक्षक के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रहा था। वह उस शिक्षक के मामले के बारे में नहीं जानती थी, इसलिए उसने बयान देने से मना कर दिया। इस पर प्रिंसीपल उससे रंजिश रखने लगा। करीब सवाल साल पहले प्रिंसीपल ने उससे कहा कि वह उसे होटल में खाना खिलाने के लिए लेकर चले। इसकी रिकार्डिंग भी उसके पास है, जो पुलिस को दी गई है। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। मई 2023 में उसने शिक्षा विभाग की एक अधिकारी को मौखिक शिकायत दी। उस पर भी कार्रवाई नहीं की गई। 29 जनवरी 2024 को उसने डीसी को शिकायत दी। डीसी ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए यह शिकायत भेज दी, लेकिन यहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद डीसी ने जिला परिषद की तत्कालीन सीईओ डा. किरण सिंह को जांच दी थी। सीईओ की अध्यक्षता में स्थानीय शिकायत कमेटी गठित की गई थी, लेकिन अब तक इस कमेटी ने जांच की कोई रिपोर्ट नहीं दी है। जब तक कमेटी की जांच पूरी नहीं होती, आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। शिक्षिका की तरफ से 5 जून को महिला आयोग को भी शिकायत दी गई थी। महिला आयोग ने ये शिकायत एसपी को भेज दी थी। शिक्षिका ने बताया कि वह अब तक क्या जांच हुई, इसको लेकर सीएम विंडो भी लगा चुकी है। इसी बीच सीईओ का ट्रांसफर हो गया और इस मामले में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई।

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प्रिंसिपल ने नकारे आरोप

महिला शिक्षिका के आरोपों पर प्राचार्य का कहना है कि शिक्षिका की तरफ से लगाए गए आरोप गलत हैं। वे दिव्यांग हैं और दूसरे व्यक्ति पर निर्भर हैं। शिक्षिका ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच शिक्षा विभाग की तरफ से आई टीम भी कर चुकी है, जिसमें कुछ नहीं पाया गया है। एक शिक्षक जिसके खिलाफ किसी मामले में उसने शिकायत दी थी, वही शिक्षक एक व्यक्ति के साथ मिलकर उसके साथ साजिश के तहत ये सब करवा रहा है।

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एडीसी ने कहा, महिला अधिकारी ही करेंगी सुनवाई

एडीसी एवं सीईओ विवेक आर्य ने बताया कि महिला शोषण से संबंधित मामले की जांच के लिए जो स्थानीय शिकायत कमेटी गठित की जाती है, उसकी अध्यक्ष महिला अधिकारी ही होती हैं। तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. किरण सिंह फिलहाल उचाना एसडीएम हैं। वे ही इस मामले को देखेंगी।

एक बार सुनवाई के बाद हो गई थी ट्रांसफर : डॉ. किरण सिंह

उचाना की एसडीएम डा. किरण सिंह ने बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों को बुलाकर एक बार ही सुनवाई हुई थी। उसी दौरान उनकी सीईओ के पद से ट्रांसफर हो गई थी। अगर उनके पास ये मामला आता है, तो आगे की जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी। कमेटी में शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों से महिला अधिकारी, वकील सहित छह सदस्य हैं।

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