हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 22 अप्रैल
विद्यार्थी हैं, शिक्षक हैं बस नहीं है तो अपना आशियाना। यह कहानी है रोहतक की सैनिक कालोनी स्थित एक धर्मशाला में चल रहे राजकीय प्राथमिक विद्यालय की। जिस धर्मशाला में स्कूल चल रहा है, वह भी जर्जर हालत में है। पिछले 18 साल से 400 गज की एक धर्मशाला में चल रहा विद्या का यह मंदिर निजी भवन की बाट जोह रहा है। हालत यह है कि बरसात के समय धर्मशाला जलमग्न हो जाती है। आज तक किसी भी नेता, अधिकारी या विभाग की नजर इस पर नहीं पड़ी।
आलम यह है कि एक हाल में चार कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं। दो कक्षाएं बरामदे में लग रही हैं, दो कक्षाएं करीब दस-दस फुट से भी छोटे दो कमरों में चल रही हैं। सभी पढ़ना-पढ़ाना चाहते हैं, मगर बच्चों के बैठने की जगह ही नहीं है। छोटी कक्षाओं के बच्चे हैं। गिनती-पहाड़े भी सिखाने पड़ते हैं, मगर थोड़ी सी आवाज ऊंची होते ही दूसरी कक्षाएं प्रभावित हो जाती हैं। विद्यालय के मुख्य शिक्षक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल में 7 शिक्षक हैं।
बताया गया कि धर्मशाला के अलावा आसपास कोई ऐसी जगह नहीं, जो विद्यालय बन सके। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में ज्यादातर बच्चे प्रवासी मजदूरों के हैं। अगर इस स्कूल को यहां से स्थानांतरित किया जाता है तो इनमें से आधे से ज्यादा बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाएंगे। दूसरे स्कूलों में जाने के लिए रेलवे लाइन पार करनी पड़ती है और स्कूल भी यहां से काफी दूर हैं। जहां स्कूल चल रहा है उस धर्मशाला के बारे में बताया जाता है कि इसे हुकम चंद गोयल ने बनवाया था। धर्मशाला में शिक्षकों ने निजी सहयोग से कुछ सुविधाएं शुरू कराई हैं।
और भी कई दुश्वारियां हैं मुख्य शिक्षक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल में बिजली का मीटर नहीं है। इस बारे में वर्ष 2019 में विभाग को लिखा गया था। स्कूल का अपना भवन या कोई एग्रीमेंट न होने के कारण सरकारी स्कूल में आने वाली ग्रांट भी नहीं मिल पाती। रंग रोगन आदि के लिए पहले 75 सौ रुपए सालाना मिला करते थे, अब इसे बढ़ाकर 37,500 प्रति वर्ष किया गया है जिससे कुछ मरम्मत हो जाती है। औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद यहां की सभी सड़कें टूटी हुई हैं। कई बार सीवर जाम हो जाता है। गंदे पानी के बीच से ही स्कूल में आना पड़ता है। आस-पास कोई प्राइमरी स्कूल न होने के कारण वर्ष 2004 में तत्कालीन सरकार ने यहां पर स्कूल चलाने की अनुमति दी थी मगर यहां दी जाने वाली सुविधाओं की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।
दौरा कर जायजा लूंगा : खंड शिक्षा अधिकारी
इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी बिजेन्द्र हुड्डा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नियमानुसार प्राइमरी स्कूल एक किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए। अन्य स्कूल कालोनी से दूर पडते हैं। वे स्कूल का दौरा कर वस्तु स्थिति का जायजा लेंगे तथा अधिकारियों से विमर्श कर उचित कार्रवाई करेंगे।
रिपोर्ट तलब करेंगे : मेयर
रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने भी उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। इस बारे में वह रिपोर्ट तलब कर मामले की जानकारी लेंगे।