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प्रदेश की सियासत में आज ‘महामुकाबला’ : सरकार की लाडो-लक्ष्मी योजना बनाम इनेलो-जजपा का शक्ति प्रदर्शन

हरियाणा की राजनीति में बृहस्पतिवार का दिन कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी सामाजिक योजना ‘दीनदयाल लाडो-लक्ष्मी’ का शुभारंभ करेंगे, वहीं विपक्षी दल इनेलो और जजपा अपने-अपने तरीके...

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हरियाणा की राजनीति में बृहस्पतिवार का दिन कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी सामाजिक योजना ‘दीनदयाल लाडो-लक्ष्मी’ का शुभारंभ करेंगे, वहीं विपक्षी दल इनेलो और जजपा अपने-अपने तरीके से चौधरी देवीलाल की जयंती को राजनीतिक संदेश देने के लिए इस्तेमाल करेंगे। सत्तारूढ़ भाजपा महिलाओं को सीधी आर्थिक मदद देकर वोट बैंक मजबूत करने की रणनीति पर है, जबकि इनेलो और जजपा देवीलाल की विरासत के सहारे अपनी पकड़ दिखाना चाहती हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बृहस्पतिवार को पंचकूला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम से इस योजना का मोबाइल एप लांच करेंगे। पहले चरण में 21 लाख महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में भेजे जाएंगे। सरकार ने यह भी तय किया है कि पहली किस्त 1 नवंबर, हरियाणा दिवस पर जारी होगी। इसके लिए मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को अलग-अलग जिलों में कार्यक्रमों की जिम्मेदारी दी गई है ताकि हर जिले में योजना की शुरुआत एक साथ हो सके। यह योजना भाजपा के 2024 विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में शामिल थी। नायब सरकार के कार्यकाल का पहला साल पूरा होने पर इस वादे को अमलीजामा पहनाना पार्टी के लिए राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का यह कदम ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को साधने की रणनीति है। 2014 और 2019 में मोदी लहर पर सवार होकर चुनाव जीत चुकी भाजपा अब 2029 की तैयारी में स्थानीय मुद्दों और सीधे आर्थिक लाभ जैसे कदमों पर भरोसा कर रही है।

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इनेलो का ‘देवीलाल सम्मान दिवस’

इधर, विपक्षी खेमे में भी बृहस्पतिवार को बड़ी हलचल रहने वाली है। इनेलो सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला रोहतक में विशाल रैली करेंगे। यह रैली चौ. देवीलाल की जयंती पर ‘देवीलाल सम्मान दिवस’ के रूप में आयोजित होगी। इनेलो इसे श्रद्धांजलि के साथ-साथ अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन मान रही है। पार्टी का मानना है कि अगर 2029 तक फिर से मजबूती हासिल करनी है तो किसान-आधारित राजनीति और देवीलाल की विरासत पर जोर देना होगा।

जजपा का अलग रास्ता, लेकिन मकसद वही

दूसरी ओर, जजपा भी देवीलाल जयंती को साधने में पीछे नहीं है। जजपा ने 25 सितंबर को प्रदेशभर में लगी देवीलाल की प्रतिमाओं की सफाई कर ‘श्रद्धा और सेवा’ का संदेश देने का कार्यक्रम तय किया है। हालांकि यह आयोजन इनेलो की तरह भव्य नहीं होगा, लेकिन दुष्यंत की पार्टी इसे प्रतीकात्मक तौर पर जनता तक पहुंचाना चाहती है। दरअसल, इनेलो और जजपा दोनों ही जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि ताऊ देवीलाल की असली राजनीतिक विरासत उन्हीं के पास है।

2029 की चुनावी तस्वीर

nराजनीतिक जानकार मानते हैं कि हरियाणा की सियासत इन तीन घटनाओं के इर्द-गिर्द घूम रही है। भाजपा जहां महिलाओं और युवाओं को राहत योजनाओं से जोड़कर 2029 के लिए जमीन मजबूत करना चाहती है, वहीं इनेलो और जजपा अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। भाजपा की योजना सफल रही तो यह उसके लिए ‘गेमचेंजर’ साबित हो सकती है, वहीं इनेलो अगर रोहतक की रैली में भीड़ जुटाने में सफल रहती है तो चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। इस तरह बृहस्पतिवार का दिन हरियाणा की राजनीति में शक्ति प्रदर्शन और जनहितकारी योजनाओं की जंग का साक्षी बनने जा रहा है।

'' हमारी सरकार महिलाओं को सिर्फ सम्मान नहीं, आर्थिक आत्मनिर्भरता भी देना चाहती है। यह योजना बहन-बेटियों के जीवन में बदलाव लाएगी। '' -नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री

''ताऊ देवीलाल किसानों और गरीबों के मसीहा थे। उनकी विरासत को बचाना ही हमारा धर्म है। जनता का भरोसा फिर से इनेलो पर लौटेगा। ''  
-अभय सिंह चौटाला, इनेलो सुप्रीमो
'' प्रतिमाओं की सफाई सिर्फ प्रतीक नहीं, बल्कि ताऊ के सिद्धांतों को साफ-सुथरे ढंग से आगे बढ़ाने का संकल्प है। जजपा ही युवाओं व किसानों की आवाज बनेगी।  ''  
-दुष्यंत चौटाला, पूर्व डिप्टी सीएम
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