सरकार की चार सदस्यों की कमेटी ने छात्रों से की दो दौर की बातचीत
कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 21 जून
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों से बात करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को गठित कमेटी ने शनिवार को उपायुक्त कार्यालय में छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। शनिवार शाम को शुरू हुई बातचीत के दौरान रात साढ़े आठ बजे तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है और अब तीसरे दौर की बातचीत जारी है। बातचीत में किन बातों पर सहमति बनी है, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
12 छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने कमेटी को कई दस्तावेज सौंपे हैं। छात्रों ने चिकित्सा रिपोर्ट, वीडियो साक्ष्य और गवाहियों के साथ एक दस्तावेजी फाइल प्रस्तुत की। प्रतिनिधिमंडल ने सीधे तौर पर न्याय की मांग करते हुए समिति से अपील की कि निष्पक्षता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा था कि हरियाणा सरकार हर मोर्चे पर युवाओं और छात्रों के साथ है और युवाओं को कोई भी समस्या नहीं आने दी जाएगी। इस कमेटी में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, लोक निर्माण विभाग मंत्री रणबीर गंगवा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी और नलवा से विधायक रणधीर पणिहार को शामिल किया गया है। खास बात यह है कि इसमें शिक्षा मंत्री को तो शामिल किया गया है लेकिन कृषि मंत्री को शामिल नहीं किया गया है। इससे पूर्व छात्रों ने घोषणा की थी कि विवि प्रशासन लगातार उनके खिलाफ फैसले ले रहा है, इसलिए अब प्रशासन से नहीं बल्कि सरकार से बातचीत होगी। इसके बाद ही सरकार ने कमेटी गठित की थी।
योग दिवस से ऊर्जा, आंदोलन में नई चेतना : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छात्रों ने दिन की शुरुआत धरनास्थल पर सामूहिक योगाभ्यास से की। विभिन्न योग मुद्राओं और ध्यान सत्र के जरिए उन्होंने यह प्रदर्शित किया कि आंदोलन केवल शारीरिक उपस्थिति नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन, अनुशासन और आत्मबल से भी जुड़ा हुआ है। योग अभ्यास के दौरान छात्रों ने ओम और संविधान की प्रस्तावना का उच्चारण किया, जिससे पूरे धरनास्थल पर एक आध्यात्मिक और प्रतिबद्ध वातावरण बना।
कुलपति को हटाने के लिए 350 छात्रों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
करीब 350 से अधिक छात्रों ने शनिवार को राज्यपाल को एक हस्ताक्षरयुक्त पत्र भेजा, जिसका विषय था कि छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज, अधिकारों के दमन एवं प्रशासनिक विफलता के लिए विवि के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज को तत्काल पद से हटाया जाए। यह पत्र छात्रों ने विवि परिसर स्थित डाकघर से स्पीड पोस्ट के माध्यम से आधिकारिक रूप से भेजा, ताकि इसकी सत्यता और विधिक वैधता सुनिश्चित हो सके। पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि कुलपति का पद पर बने रहना निष्पक्ष जांच और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।