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टूटा बास्केटबॉल पोल बना अमन की मौत की वजह, खेल अधिकारी ने मानी गलती, जांच कमेटी गठित

बहादुरगढ़ में बाॅस्केटबाॅल के होनहार उभरते हुए खिलाड़ी की बाॅस्केटबाॅल पोल के नीचे दबने से मौत हुई है। ये मौत सरकारी व्यवस्था की बदहाली की कहानी भी कहती है। दरअसल जिस पोल के नीचे दबने से 15 साल के अमन...

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बहादुरगढ़ में बाॅस्केटबाॅल के होनहार उभरते हुए खिलाड़ी की बाॅस्केटबाॅल पोल के नीचे दबने से मौत हुई है। ये मौत सरकारी व्यवस्था की बदहाली की कहानी भी कहती है। दरअसल जिस पोल के नीचे दबने से 15 साल के अमन की मौत हुई है वो पोल काफी पुराना था और जर्जर हो चुका था। उसका बेस जंग में खत्म हो चुका था लेकिन ना तो शिक्षा विभाग, ना खेल विभाग और ना ही स्थानीय प्रशासन ने इसकी सुध ली। अब हादसे के बाद खेल विभाग अपनी गलती मान रहा है।

जिला खेल अधिकारी सत्येन्द्र का कहना है कि गलती तो हमारी है ही क्यांेकि काफी लम्बे समय से पोल की कोई रिपेयर नही हुई थी। उन्होंने कहा कि एक होनहार छात्र/ खिलाड़ी की मौत हुई है जो दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारे लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाकर सभी खेल उपकरणों की जांच करवाई जाएगी और खराब उपकरणों को निकलवा दिया जाएगा।

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नए उपकरण लगाने के लिए विभाग से बजट मांगा जाएगा। जांच कमेटी में सीनियर कोच और राजीव गांधी खेल स्टेडियमों के इंचार्ज को शामिल किया जाएगा। 15 साल के अमन की मौत से उसका परिवार भी पूरी तरह टूट चुका है। घर पर मातम का माहौल है। अमन दो बहनों का इकलौता भाई थी। दो साल से बाॅस्केटबाल खेल और सीख रहा था। बेेटे की बात करते करते पिता रोने लगते हैं । बेटे के आखिरी शब्द उसके मन और दिमाग में गूंज रहे है।

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पीजीआई रोहतक में उपचार के लिए जब वो पहुचे तो डाॅक्टरों ने अल्ट्रासाउन्ड कराने का कहा लेकिन वहां किसी डाॅक्टर ने उन पर तरस नही खाया और उनका बेटा उनके हाथों में ही दम तोड़ गया। मृतक अमन के परिजनों ने पीजीआई के डाॅक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। अगर सही समय पर उपचार मिलता तो शायद अमन बच सकता था। मरने से पहले बेटे ने पिता से कहा था पापा मुझे पानी पिला दो। यही वो आखिरी शब्द हैं जिन्हे याद कर पिता की आंखो से बरबस आंसू बहते जा रहे हैं।

बहादुरगढ़ में बाॅस्केटबाल पोल टूटने की ये दूसरी घटना है। पहली घटना साल 2022 में हुई थी उस वक्त भी एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ था। और ताजा घटना रविवार को हुई । मंगलवार को अमन की उपचार के दौरान पीजीआई रोहतक में मौत हो गई । अमन घर से कुछ देर खेल कर आने के लिए निकला था। मां ने उसे रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन जिद कर वो खेलने के लिए चला गया। उसी वक्त घर में उसकी बुआ अपने बेटे की शादी के लिए भात न्यौतने आई हुई थी।

बुआ के बेटे की शादी के लिए अच्छे कपड़े और 4 हजार के जूते लाने के लिए पिता को बोला था। पिता ने उसके कहा था कि बेटे तुम्हे 4 हजार के जूते जरूर दिलवाउंगा। डीआरडीओ सेना भवन दिल्ली में काॅंट्रैक्ट पर काम कर रहे सुरेश ने बेटे की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए नौकरी के साथ साथ रैपिडो चलाना भी शुरू कर दिया था। कुछ दिन पहले ही स्कूल में हुए खेलों में अमन ने तीन मैडल जीते थे और वो मैडल पिता के गले में डालकर अमन ने बड़ा खिलाड़ी बनने का हौसला भी जताया था । लेकिन अमन के हौसलों को सरकारी व्यवस्था की कंगाली ने उड़ान लेने से पहले ही खत्म कर दिया।

मृतक अमन 10 वीं कक्षा का छात्र था और लाईनपार क्षेत्र के रामा भारती स्कूल में प़़ढ़ता था। पिता दिल्ली सेना भवन में कांट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं और माता प्राईवेट स्कूल में पढ़ाती है। दो बहनो में एक बहन 12वीं कक्षा की छात्रा है तो दूसरी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है। घर पर संवेदनाएं जताने के लिए लोग आ रहे हैं । हरियाणा ओलम्पिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिल खत्री ने भी परिजनों को ढाढस बंधाया है, लेकिन शिक्षा विभाग, खेल विभाग या स्थानीय प्रशासन की तरफ से किसी ने भी जाकर शोक संतप्त परिवार का दुख बांटने का काम नही किया। बेहद पीड़ादायी है ये पल। अब जरूरत इस बात की है कि इस हादसे के जिम्मेदारों पर कार्यवाही, सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। उससे पहले गंभीरता से हादसे की जिम्मेदारी भी तय होनी जरूरी है ताकि भविष्य में किसी और खिलाड़ी के साथ ऐसी घटना ना हो सके।

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