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हरियाणा में बीपीएल लिस्ट से बाहर हुए साढ़े 9 लाख परिवार

सीएम का पलटवार – ‘लोगों ने खुद घोषित की आय, इसलिए बाहर हुए’
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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा विधानसभा में मंगलवार काे बीपीएल कार्ड के मुद्दे पर भी काफी बहस हुई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान गरीब परिवारों को लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर बीपीएल लिस्ट में नाम डाले और चुनाव के तुरंत बाद लाखों परिवारों को बाहर कर दिया। कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सरकार से पूछा कि पहली जनवरी, 2024 से 31 जुलाई, 2025 के बीच कितने नए बीपीएल कार्ड बने और कितने काटे गए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि बीपीएल कार्ड बंद करने का आधार क्या रखा गया। सरकार की ओर से सदन में जवाब देते हुए विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि इस अवधि में लाखों परिवार बाहर हुए हैं तो करीब उतने ही बीपीएल कैटेगरी में शामिल भी हुए हैं।

पंवार ने सदन में आंकड़े रखते हुए कहा कि इस अवधि में 8,73,507 परिवार जोड़े गए। वहीं 9,68,506 परिवार बाहर किए गए। 31 मार्च, 2025 को बीपीएल परिवारों की संख्या 52 लाख 37 हजार 671 थी जो अब छंटनी के बाद घटकर 41 लाख 93 हजार 669 रह गई है। यह आंकड़ा 22 अगस्त तक का है। केहरवाला ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों में फायदा लेने के लिए भाजपा ने बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ाई। नतीजों के बाद फिर से कम कर दिए।

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विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने गुपचुप सर्वे करवाकर गरीब परिवारों को योजनाओं से वंचित कर दिया। विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि विपक्ष ने चुनाव के दौरान बीपीएल के नाम पर जनता को गुमराह किया। सरकार ने पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई, पोर्टल पर लोगों ने खुद अपनी आय घोषित की। उन्होंने कहा कि जो परिवार सालाना 1.80 लाख रुपये से ज्यादा कमाते थे, वे स्वेच्छा से बीपीएल लिस्ट से बाहर हो गए।

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