चंडीगढ़, 13 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में तीन दिन से बारिश नहीं होने के बावजूद जलभराव का संकट बढ़ रहा है। प्रदेश की अधिकांश नदियों, नहरों व नालों के ओवरफ्लो होने से 11 जिले चपेट में आ गये हैं। प्रभावित जिलों में अम्बाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। इनके 854 गांवों में पानी भरा है। 24 घंटे के दौरान ही 105 और गांव जलमग्न हुए हैं। अम्बाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर सहित कई शहरों की कालोनियां व बस्तियां भी बच नहीं पाई हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट में सरकार ने स्वीकार किया है कि अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। पांच की मौत 24 घंटे में हुई है। चार लोग लापता हैं, जबकि 2 घायल हैं।
सांसद नायब सैनी पर फूटा गुस्सा
गांवों में जलभराव की वजह से जीवन अस्त-व्यस्त है। सरकार द्वारा जल निकासी के प्रयास करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सरकार के पास एकदम से पानी निकालने के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। गत दिवस गुहला-चीका के विधायक के साथ कहासुनी भी इसी वजह से हुई कि जनप्रतिनिधि लोगों के बीच तो जा रहे हैं, लेकिन निकासी का प्रबंध नहीं हो पा रहा। बृहस्पतिवार को कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी का भी ग्रामीणों द्वारा तगड़ा विरोध किया गया। सुरक्षाकर्मियों द्वारा बीच-बचाव करने के बाद मामला संभल पाया।
1.24 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न : बारिश की वजह से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 11 जिलों की करीब 1.24 लाख हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो चुकी है। उन किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या है, जिन्होंने अभी धान की रोपाई की थी। सब्जी उत्पादक किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं।
126 मकान ध्वस्त
जलभराव की वजह से प्रदेशभर में अभी तक 126 मकान ध्वस्त हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 21 मकान गिरे हैं। वहीं, 106 मकानों में बड़ी दरारें आई हैं और गिरने का खतरा बना हुआ है। ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश में सैकड़ों सड़कें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। बड़ी संख्या में पुल, पुलिया और रिटेनिंग वॉल टूटी हैं।
3674 लोगों को किया रेस्क्यू : सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के सहयोग से अभी तक 3674 लोगों को बचाया जा चुका है, जो जलभराव की वजह से फंस गये थे। बीते 24 घंटे के दौरान 441 लोगों को बचाया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने 12 राहत शिविर स्थापित किए हैं। 1819 लोग इनमें शरण लिए हुए हैं।