जींद, 4 मार्च (हप्र)
सीटू से संबंधित भवन निर्माण कामगार यूनियन का दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय सम्मेलन शुक्रवार को पंजाबी धर्मशाला में शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देशराज, सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान, माकपा प्रदेश सचिव सुरेंद्र सिंह ने संबोधित किया और कहा कि देश और प्रदेश की भाजपा सरकार मेहनतकश आवाम पर जबरदस्त कुठाराघात करते हुए उनके अधिकार और रोजगार को छीन रही है। भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी से जनता को बचाने की बजाय महामारी का इस्तेमाल भी कंपनियों के मुनाफे बढ़ाने के लिए किया है। इसका परिणाम यह है कि देश के 84 करोड़ आबादी की आमदन घटी है, वहीं अरबपतियों की संपत्ति में कई गुना इजाफा हुआ है। श्रम कानूनों को और ज्यादा मालिक परस्त बदलाव करके मजदूरों पर चार लेबर कोड थोप दिए गए हैं। मुफ्त अन्न वितरण का प्रचार करने वाली सरकार ने राशन वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल परिवार को मिलने वाले सरसों के तेल, दाल और चीनी में कटौती की है। इन नीतियों से पनप रहे आक्रोश को भारी दमन के दम पर दबाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। आंगनवाड़ी वर्कर हेल्परों के आंदोलन पर कल ही पूरे प्रदेश में हजारों महिलाओं की चलते रास्ते गिरफ्तारियां ताजा उदाहरण है। सम्मेलन को सीटू की राष्ट्रीय अध्यक्षा सुरेखा, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष फूल सिंह श्योकन्द, खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र ने भी संबोधित किया।
रोडवेज के बेड़े में शामिल हों 10 हजार बसें
जींद (हप्र) : हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को डिपो में विरोध प्रदर्शन किया गया। मोर्चे के नेता जयभगवान कादयान, अनूप लाठर, रामनिवास खरक भूरा कहा कि प्रदेश सरकार स्टेज कैरिज पॉलिसी 2016 योजना को एबीसी श्रेणी के तहत प्राइवेट परमिट देकर रोडवेज विभाग का निजीकरण करना चाहती। सरकार द्वारा परिवहन बेड़े में बसें खरीदने की घोषणा बार बार लंम्बे समय से कर रही हैं, परन्तु रोडवेज बेड़े में नई बसें शामिल नहीं की जा रही। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार विभाग के बेड़े में बढ़ती आबादी अनुसार 10000 नई सरकारी बसों को रोडवेज बेड़े में शामिल करे, जिससे 70000 बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा और सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन नीति को लागू करे। सांझा मोर्चे ने सरकार को चेतावनी दी कि सरकार समय रहते हुए बातचीत करके मांगों का समाधान करें अन्यथा 13 मार्च को मुख्यमंत्री कैंप ऑफिस करनाल का घेराव किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।