फरीदाबाद, 9 मई (हप्र)
वैश्विक महामारी के दौरान अपने पेशे से गद्दारी कर रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने के आरोप में फरीदाबाद की अलग-अलग क्राइम ब्रांचों ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह शहर के नामी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ व फार्मासिस्ट का काम करने वाले हैं।
इनमें शामिल 4 युवक निजी अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारी हैं, जबकि दूसरे गिरोह में एक युवक निजी अस्पताल में फार्मासिस्ट है और बाकी दो उसके साथी। सभी आरोनी अस्पताल से ही इंजेक्शन चोरी करते थे। क्राइम ब्रांच ने गहन पूछताछ के लिए सभी को अदालत से रिमांड पर लिया है। सभी आरोपियों से 20 इंजेक्शन बरामद हुए हैं। आरोपियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, कास्मेटिक्स एंड ड्रग्स सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्राइम ब्रांच सेक्टर-56 प्रभारी रविदर कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रह रहे हैं और अनखीर चौक पर एक व्यक्ति को इंजेक्शन देने आएंगे। थोड़ी देर बाद ही तीन युवकों को मौके से पकड़ लिया। इनमें गांव अनखीर निवासी संतोष कुमार, लवकुश और ओमप्रकाश शामिल हैं। सभी आरोपी निजी अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारी हैं। उनके पास से क्राइम ब्रांच ने मौके पर 6 इंजेक्शन बरामद किए। 10 इंजेक्शन उन्होंने बाद में बरामद कराए। इनके एक साथी तपन को क्राइम ब्रांच ने बाद में पकड़ा। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि मरीजों को इंजेक्शन लगाने की बजाय वे अपने पास रख लेते थे। किसी मरीज को आधा इंजेक्शन लगाते थे, बाकी आधा दूसरे को लगा देते थे। इस तरह एक इंजेक्शन बच जाता था। क्राइम ब्रांच ने आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।
4 इंजेक्शन बरामद
क्राइम ब्रांच बदरपुर बार्डर प्रभारी सेठी मलिक ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि 3 युवक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्त हैं। वे इंजेक्शन बेचने के लिए सेक्टर-16ए पहुंचेंगे। थोड़ी देर बाद इंजेक्शन बेचने आए 3 युवकों को दबोच लिया। इनमें गांव बामनी खेड़ा निवासी विरेंद्र, डबुआ कालोनी निवासी भूपेंद्र और एसजीएम नगर निवासी पवन शामिल हैं। आरोपियों के पास से क्राइम ब्रांच ने रेमडेसिविर के 4 इंजेक्शन बरामद किए। इनसे पूछताछ में पता चला कि भूपेंद्र निजी अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत था। इंजेक्शन उसके संरक्षण में रहते थे। वहीं से उसने इंजेक्शन चोरी किए। बाकी दो उसके साथी हैं।