सफीदों, 27 मार्च (निस)
साढ़े 3 बरस पहले सरकार ने यहां नर्सिंग संस्थान खोलकर उपमंडल स्तर पर पहला संस्थान लोकार्पित करने का श्रेय तो लिया लेकिन इसमें दाखिल बेटियां आधारभूत प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए तरस रही हैं। हालत ये है कि इसमे दाखिल 600 छात्राओं ने जब उनकी क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए पीजीआई, पानीपत व जींद के अस्पतालों में जाने को संस्थान को उपलब्ध कराई गई मात्र 2 बसों की संख्या बढ़ाकर 5 करने की मांग की तो राज्य के डीएमईआर ने पहले से चलाई जा रही दो बसों को भी वापस ले लिया और स्पष्ट किया कि वे राजकीय परिवहन की सामान्य बसों में ही सफर करें। संस्थान की प्राचार्या इन मुद्दों पर कुछ कहने को तैयार नही हैं।
संस्थान की प्रबंधक समिति के गैरसरकारी सदस्य इस बात से दुखी हैं। इनमे राकेश जैन का कहना है कि समाजसेवी लोग इस संस्थान पर 70 लाख से ज्यादा की राशि फर्नीचर, प्रयोगशाला व वेतन पर खर्च कर चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से अभी कुछ नहीं मिला है। बता दें कि यह संस्थान यहां सरलादेवी मेमोरियल राजकीय महिला महाविद्यालय के भवन के एक भाग में चलाया जा रहा है। अब मुख्यमंत्री की 3 अप्रैल को सफीदों में जनसभा है और उनके इस कार्यक्रम ने क्षेत्रवासियों व छात्राओं को सुधार की उम्मीद जगाई है।
‘बेटियों के भविष्य पर ध्यान दे सरकार’
हरियाणा सरकार के सेवानिवृत मुख्य अभियंता मूल रूप से सफीदों के बुजुर्ग टीसी गर्ग का कहना है कि सरकार को बेटियों के भविष्य पर ध्यान देना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता बीआर सैनी, जैविक खेती के प्रगतिशील किसान राजेश जामनी, धर्मगढ के निवर्तमान सरपंच अजीतपाल सिंह व पूर्व नगर पार्षद संजय अधलखा का कहना है सफीदों की जनता को ऐसी बेटियों के हित सर्वोपरि हैं।