दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 अगस्त
हरियाणा के बिजली निगमों ने डिफाल्टर उपभोक्ताओं से बकाया वसूलने के लिए नई योजना बनाई है। कुल बकाया का 25 प्रतिशत पैसा जमा करवाते ही उपभोक्ताओं के कटे हुए कनेक्शन फिर से जोड़ दिए जाएंगे। दोनों कंपनियों उत्तर व दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम की सूची में डिफाल्टर उपभोक्ताओं की संख्या 21 लाख 921 है।
इनके खिलाफ निगमों का कुल 6,532 करोड़ रुपए बकाया है। बकाया वसूली के फार्मूले पर बिजली मंत्री रणजीत सिंह विस्तार से सीएम मनोहर लाल खट्टर से भी चर्चा कर चुके हैं। सीएम को विश्वास में लेने के बाद विभाग के अधिकारियों को इस फार्मूले पर आगे बढ़ने के आदेश दिए हैं। दोनों निगमों के 15 लाख 41 हजार 286 ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन पर पैसा बकाया है, लेकिन उनके कनेक्शन नहीं काटे गए हैं। उन्हें बार-बार नोटिस भी दिए जा रहे हैं। इनमें बड़ी कंपनियों व सरकारी विभाग भी शामिल हैं। इन उपभोक्ताओं से निगमों को 3 हजार 798 करोड़ 48 लाख रुपये लेने हैं। वहीं 5 लाख 59 हजार 635 डिफाल्टर उपभोक्ताओं के बकाया के चलते कनेक्शन काटे हुए हैं। इनसे निगमों को 2 हजार 74 करोड़ 22 लाख रुपए वसूलने हैं।
दोनों तरह के उपभोक्ताओं से पैसा वसूलने के लिए निगमों ने कुल बकाया का 25 प्रतिशत जमा करवाने को कहा है। यह पैसा जमा करवाने के बाद उपभोक्तओं के कटे हुए कनेक्शन फिर से जोड़ दिए जाएंगे। बाकी 75 प्रतिशत पैसा 12 माह में समान किस्त में दिया जा सकेगा। इसमें शर्त यह लगाई कि इन उपभोक्ताओं को अपने मासिक बिल के साथ किस्तों का भी नियमित रूप से भुगतान करना होगा। बता दें कि निगम ने बिजली चोरों को पकड़ने के लिए कुछ समय पहले प्रदेशभर में छापेमारी भी की थी।
सरकारी विभाग भी नहीं दे रहे पैसा
सरकारी विभाग भी बिजली बिल समय पर नहीं भर रहे। दोनों निगमों का विभागों पर 524 करोड़ 97 लाख रुपये बकाया है। सिंचाई, पब्लिक हेल्थ, विकास एवं पंचायत, पुलिस व शहरी स्थानीय निकाय विभाग सहित कई विभागों में बिजली के कनेक्शन पैसा जमा नहीं करवाने की वजह से कटे हुए हैं। नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं का हिसाब-किताब अब बिजली बिलों पर लगने पर सरचार्ज से होने लगा है।
कारखानों पर 726 करोड़ बकाया
प्रदेश में कई ऐसी इंडस्ट्री भी हैं, जो डिफाल्टरों की सूची में है। इंडस्ट्री के 34 हजार 444 कनेक्शन डिफाल्टर लिस्ट में हैं। इनमें से 19 354 के बिजली कनेक्शन भी कटे हुए हैं, लेकिन ये भुगतान नहीं कर रहे। उद्योगपतियों पर 726 करोड़ 14 लाख रुपये बकाया हैं।
दक्षिण जिलों में ज्यादा डिफाल्टर
गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, पलवल, रेवाड़ी, भिवानी व महेंद्रगढ़ सहित एक दर्जन से अधिक जिले दक्षिण हरियाणा के अधीन आते हैं। दक्षिण के उपभोक्ताओं पर बकाया राशि अधिक है। कुल 6 हजार 536 करोड़ के बकाया में से दक्षिण के जिलों के उपभोक्ताओं पर 4 हजार 666 करोड़ 67 लाख रुपये की देनदारी है। इस निगम के अधीन 13 लाख 85 हजार 556 उपभोक्ता डिफाल्टर की सूची में शामिल हैं। वहीं उत्तरी निगम के 7 लाख 15 हजार 365 उपभोक्ताओं पर 1866 करोड़ रुपये बकाया हैं।
”हमारी कोशिश है कि डिफाल्टर उपभोक्ताओं की लिस्ट को खत्म किया जाए। ऐसे में बकाया की वसूली का फार्मूला निकाला है। बकायादार कुल राशि का 25 प्रतिशत पैसा जमा करवा कर अपने कनेक्शन बहाल करवा सकेंगे। बाकी 75 प्रतिशत पैसा वे 12 समान किस्तों में दे सकेंगे। लाइन लॉस व चोरी रोकने में निगम काफी हद तक सफल रहे हैं।”
-रणजीत सिंह, बिजली मंत्री