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एक माह में 58 इनामी बदमाश और 101 गैंगस्टर दबोचे

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स की सर्जिकल स्ट्राइक
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चंडीगढ़, 1 जुलाई (ट्रिन्यू)

हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पिछले एक महीने में अपराध और अपराधियों के खिलाफ बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की। पहली जून से 29 जून तक एसटीएफ ने विशेष मुहिम के तहत 58 इनामी बदमाशों और 101 गैंगस्टरों/गैंग के सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। साथ ही, 178 जघन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है। पिछले वर्ष की तुलना में एसटीएफ ने इस बार बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

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2024 में 100 ईनामी बदमाशों के अलावा 29 गैंगस्टर/गैंग सदस्यों को काबू किया था। इसी तरह 227 गंभीर अपराधों में संलिप्त अपराधी गिरफ्तार किए गए थे। एसटीएफ ने संगठित गैंग नेटवर्क पर कहीं अधिक गहरी चोट की है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने मंगलवार को यहां बताया कि हरियाणा पुलिस का एसटीएफ राज्य में संगठित अपराधों के विरुद्ध हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

एसटीएफ ने सीमाओं से परे जाकर गैंगस्टरों, नशा तस्करी नेटवर्क और अंतर्राज्यीय अपराध सिंडिकेट्स के खिलाफ सराहनीय कार्य किया है। आधुनिक तकनीक, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और समर्पित मानव संसाधन के बल पर एसटीएफ ने न केवल अपराधियों की कमर तोड़ी है, बल्कि हरियाणा पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त साइबर और संगठित अपराध-निरोधक एजेंसी के रूप में स्थापित किया है। एसटीएफ आने वाले समय में अपराधों पर लगाम लगाने में एक मॉडल यूनिट के रूप में देशभर में उदाहरण प्रस्तुत करेगी।

पिछले साल एसटीएफ ने 195 ईनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया, जो 2023 में हुई 175 गिरफ्तारियों की तुलना में अधिक है। जघन्य अपराधों से जुड़े मामलों में एसटीएफ की सक्रियता और भी अधिक प्रभावशाली रही। 2023 में 200 आरोपियों की गिरफ्तारी के मुकाबले 2024 में यह संख्या बढ़कर 397 हो गई, जो लगभग 98 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। एसटीएफ ने हत्या, अपहरण, बलात्कार और अन्य गंभीर अपराधों में भी तीव्र कार्रवाई की है।

दो नई इकाइयां स्थापित

डीजीपी ने कहा कि गत दो वर्षों के दौरान एसटीएफ को मजबूती प्रदान करने हेतु बल की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। अपराध के बदलते परिदृश्य को देखते हुए दो नई इकाइयों की स्थापना भी की गई है, ताकि तेजी से बदलते आपराधिक तरीकों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके। साथ ही, एसटीएफ मुख्यालय में एक इंटेलिजेंस एवं विश्लेषण विंग तथा वित्तीय खुफिया इकाई (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट) का गठन किया है। इससे आर्थिक अपराधों पर निगरानी और कार्रवाई और भी प्रभावी हो सकी है।

तकनीकी दक्षता और साइबर ट्रेनिंग

आईजी सिमरदीप सिंह का कहना है कि एसटीएफ ने तकनीक आधारित अपराधों की चुनौती को देखते हुए अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसमें सर्विलांस तकनीक, डार्क वेब विश्लेषण, साइबर संकेतकों की पहचान और जांच में साइबर टूल्स के उपयोग जैसे विषय शामिल हैं। यह प्रशिक्षण केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से आयोजित किया गया। इससे एसटीएफ में कार्यरत कर्मियों की साइबर अपराधों को समझने और उस पर प्रभावी कार्रवाई करने की क्षमता पहले की अपेक्षा बढ़ी है।

अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों पर शिकंजा

एसटीएफ ने विदेशों में सक्रिय कुख्यात अपराधियों के विरुद्ध भी मजबूती से मोर्चा संभाला है। एसटीएफ मुख्यालय में स्थापित आरसीएन-एलओसी सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से लुक आउट सर्कुलर (एलओसी), रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन), इंटरपोल संदर्भ, पासपोर्ट निरस्तीकरण और अस्थायी गिरफ्तारी अनुरोधों के माध्यम से 10 कुख्यात गैंगस्टरों का प्रत्यर्पण/निर्वासन सुनिश्चित किया है, जो एसटीएफ की एक बड़ी सफलता है।

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