पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोमवार, 14 मई
कोरोना संक्रमण के दौर में मानवता को तार-तार कर मनमानी वसूली करने का मामला सामने आया है। शहर के एक विद्यालय के प्रवक्ता से उनके भाई को अस्पताल पहुंचाने के नाम पर 57 किमी की दूरी के 57500 रुपए वसूले गए। अस्पताल प्रबंधन ने भी उनसे 24 घंटे के एक लाख रुपए वसूल किए। एम्बुलेंस चालक ने रास्ते में दो किमी की दूरी के भी सात हजार रुपए अलग से वसूले।
इस सबके बावजूद संक्रमित ने उपचार के अभाव में दम तोड़ दिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत गृहमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को ट्वीट करके की। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नरेश कुमार वर्मा ने बताया कि वह सारंग रोड के रहने वाले हैं और एक शिक्षण संस्थान में प्रवक्ता हैं। उनके बड़े भाई महेश वर्मा कोरोना संक्रमित हो गए थे।
उनको 22 अप्रैल को सेक्टर 15 के जयदेवी मेमोरियल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। सीएमओ को सौंपी शिकायत में नरेश वर्मा ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अस्पताल में उपचार नहीं किया गया। मात्र 24 घंटे भर्ती रखने के एक लाख रुपए वसूल किए गए। उसके बाद हालत बिगड़ने पर पानीपत के लिए रैफर कर दिया गया। नरेश कुमार ने बताया कि पानीपत के अस्पताल की दूरी 57 किमी है। उसके बदले में एंबुलेंस चालक ने वेंटिलेटर और डाक्टर की फीस आदि के नाम पर गुमराह कर 57500 रुपए वसूल किए। पानीपत में वह अपने भाई को असंध रोड पर हैदाराबादी न्यू लाइफ अस्पताल ले जा रहे थे। वहां पर दो किमी की दूरी के उक्त एंबुलेंस संचालक द्वारा सात हजार रुपए वसूले गए। पानीपत के अस्पताल में 15 मिनट के उपचार के बाद उसके भाई की मौत हो गई।