चंडीगढ़, 4 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के बिजली विभाग ने सोमवार को एक बार फिर बिजली चोरों के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की। बिना किसी को बताए, सोमवार सुबह अचानक प्रदेशभर में बिजली टीमों ने छापेमारी शुरू कर दी। इस अभियान को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के अलावा किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी।
पिछले 15 महीनों में बिजली चोरों के खिलाफ यह चौथी बड़ी मुहिम थी। बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, डीजीपी पीके अग्रवाल तथा सीआईडी चीफ आलोक मित्तल के साथ बैठक करके छापेमारी की पूरी रणनीति तय की गई। पिछले साल तीन बार इसी तरह की मुहिम विभाग द्वारा चलाई गई थी। छापेमारी के लिए दोनों निगमों – दक्षिण व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की 542 टीमों का गठन किया गया था। उत्तर हरियाण के लिए 272 तथा दक्षिण के लिए 270 टीमें गठित की थी। कुल 10 करोड़ 23 लाख 30 हजार रुपए से अधिक की चोरी पकड़ी गई है। उत्तर हरियाणा निगम के अंतर्गत आने वाले जिलों में कुल 12 हजार 618 तथा दक्षिण हरियाणा में 5 हजार 116 प्रतिष्ठानों में चेकिंग की गई।
पुलिस जवान भी थे साथ
विभागीय टीमों में पुलिस जवान भी शामिल थे। उत्तर हरियाणा में 1353 तथा दक्षिण हरियाणा के जिलों में बिजली चोरी के 1339 मामले पकड़े गए हैं। उत्तर में कुल 2702 तथा दक्षिण में 3149 किलोवाट की चोरी पकड़ी गई। टीमों ने उत्तर हरियाणा में 4 करोड़ 22 लाख 26 हजार तथा दक्षिण हरियाणा में 6 करोड़ 1 लाख 4 हजार रुपये से अधिक की चोरी पकड़ी है।