54 परियोजनाओं को मंजूरी, 315 करोड़ से बदलेगा माइनरों का स्वरूप
हरियाणा सरकार ने किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई उच्च स्तरीय बैठक में नहरों और माइनरों की व्यापक रीमॉडलिंग योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत प्रदेश में लगभग 54 परियोजनाओं पर काम होगा, जिन पर कुल 315 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी कार्य समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा और माइनरों के लेवल में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परियोजना के तहत 30 कैनाल का पुनर्वास और 24 कैनाल की रिमॉडलिंग की जाएगी। नहरों की गहराई और चौड़ाई को आधुनिक तकनीक से मजबूत बनाया जाएगा ताकि किसानों तक समय पर और पर्याप्त सिंचाई जल पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से भूमिगत जल पर दबाव कम होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या पर भी काबू पाया जा सकेगा। परियोजनाओं के तहत नहरों और माइनरों के किनारों को मजबूत व ऊंचा किया जाएगा, लाइनिंग की मरम्मत और पुनर्वास होगा, पाइपलाइन बिछाई जाएगी और हेड रेगुलेटर, साइफन, पुलिया व आउटलेट की मरम्मत की जाएगी। इससे रिसाव खत्म होगा और संभावित क्षेत्रों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इनसे भिवानी, रोहतक, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, सोनीपत और करनाल जिलों के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
कहां-कहां होंगे कार्य
यमुना वाटर सर्विस सर्कल, भिवानी में 41 परियोजनाएं, करनाल में 1 और रोहतक में 2 परियोजनाएं शुरू होंगी। लोहारू वाटर सर्विस सर्कल, भिवानी में 7 और जवाहर लाल नेहरू सर्कल, रेवाड़ी में 3 परियोजनाएँ शामिल हैं। इन सभी कार्यों को नाबार्ड की वित्तीय सहायता से पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह योजना केवल नहरों की मरम्मत नहीं है, बल्कि किसानों की आय और प्रदेश की कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने का बड़ा माध्यम बनेगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर खेत तक समय पर पानी पहुंचे।