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यमुना के पानी से भूमि का कटाव रोकने को लगवाई मिट्टी के कट्टों की 50 स्टड, 50 और लगवाई जाएंगी

सिंचाई विभाग को 15 जुलाई तक पूरे करने हैं बाढ़ बचाओ के प्रबंध
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पानीपत में यमुना के पानी से भूमि कटाव को रोकने के लिये अस्थायी रूप से लगाये गये मिट्टी के कट्टों के स्टड। -हप्र
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बिजेंद्र सिंह/हप्र

पानीपत, 10 जुलाई

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सिंचाई विभाग द्वारा पानीपत जिला में यमुना में बाढ़ बचाओ प्रबंध के तहत 15 जुलाई तक पत्थरों की ठोकरें लगाने का काम पूरा करना था, पर पत्थरों की कमी के चलते विभाग द्वारा अब यमुना में विभिन्न गांवों में मिट्टी के कट्टों के अस्थायी स्टड लगाये जा रहे हैं। सिंचाई विभाग द्वारा अभी तक गांव राणा माजरा में 11, तामशाबाद में 9, हथवाला में 12 सहित करीब 50 मिट्टी के स्टड लगाये जा चुके हैं और विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाढ़ के पुख्ता प्रबंध करने को लेकर विभिन्न गांवों में करीब 50 और मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाये जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि यमुना तटबंध पर गांव राणा माजरा में पत्थरों की ठोकरें लगनी थीं, ठेकेदार के 6 डंपर पत्थर तो पहले आ चुके थे और 5 डंपर बुधवार को आये हैं। गांव खोजकीपुर में भी बुधवार को पत्थरों के 4-5 डंपर आये हैं और इनसे पत्थरों की ठोकरें लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जितना पत्थर आता रहेगा तो उसकी ठोकरें लगाई जाएगी और पत्थरों की कमी की वजह से जहां पत्थरों की ठोकरें नहीं लग पाई हैं, वहां पर मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाये जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी व एसडीओ सर्वजीत का दावा है कि पानीपत में यमुना नदी पर बाढ़ बचाओ के पुख्ता प्रबंध हैं और कोई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। यमुना के पानी द्वारा मिट्टी के कटाव को रोकने को लेकर करीब 50 मिट्टी के कट्टों के अस्थायी स्टड लगाये जा चुके हैं और उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार 40-50 और भी स्टड लगाये जाने हैं। बता दें कि मंगलवार को समालखा एसडीएम अमित कुमार ने गांव राणा माजरा व अन्य गांवों का दौरा करके सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सभी प्रबंध जल्द पूरा करने के निर्देश दिये थे।

यमुना से सटे गांव के क्या कहते हैं ग्रामीण

यमुना से सटे गांव राणा माजरा, पत्थरगढ़, नवादा, तामशाबाद, नन्हेड़ा, खोजकीपुर आदि के ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा यमुना में पत्थरों की ठोकरों के स्थान पर अस्थायी रूप से मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाये जा रहे हैं, जबकि पत्थरों की ठोकरें ज्यादा मजबूत होती हैं और यमुना के पानी से वही मिट्टी के कटाव को रोक सकती हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा 15 जुलाई तक बाढ़ बचाओ प्रबंध पूरे करने होते है, लेकिन अभी बचे पांच दिनों में विभाग द्वारा सभी प्रबंध पूरे नहीं हो पायेंगे।

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