सोनीपत, 21 मार्च (हप्र)
पेपर सॉल्वर गैंग के 5 आरोपियों को एसटीएफ सोनीपत ने गिरफ्तार किया है। पांचों आरोपी पिपली गांव के सीबीआई के निलंबित कर्मी दिशांत के माध्यम से गैंग से जुड़े थे। पकड़े गए आरोपी गैंग के लिए अभ्यर्थी लेकर आते थे और उसके एवज में कमीशन लेते थे। पांचों को अदालत में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
सोनीपत एसटीएफ के प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि गैंग के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी सोनीपत के गांव पिपली निवासी अतुल, पवनजीत, आकाश और रवि दहिया तथा रोहतक के गांव नौनंद का अभय है। उपरोक्त पांचों को 6 अक्तूबर, 2021 को पानीपत के सेक्टर-13/17 थाना में पानीपत के सुरक्षा शाखा प्रभारी प्रमोद के बयान पर दर्ज केस में पकड़ा गया है। पेपर लीक को लेकर दर्ज किए गए केस में जांच के दौरान करीब 14 पेपर सॉल्व करने का मामला सामने आया था। इस मामले के आरोपी हैकिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेते हैं। यह गिरोह वर्ष 2013 से चल रहा है। इस मामले के सरगना दिल्ली पुलिस के सिपाही रोबिन के साथ ही रूस के हैकर के साथ मिलकर पूरी लैब हैक कराने के आरोपी पलवल के गांव अतरचटा के राज सिंह तेवतिया को भी काबू किया जा चुका है।
35 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
इस मामले में अब तक 35 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसटीएफ को 5 आरोपियों के बारे में पता लगा था कि यह कोचिंग सेंटर संचालकों व अन्य से मिलकर अभ्यर्थियों का पता लगाते थे। पेपर पास कराने के नाम पर उनसे सौदा किया जाता था। नौकरी में पद व वेतन के अनुसार 3 लाख से 15 लाख रुपए में सौदा किया जाता था। पांचों आरोपी पहले गिरफ्तार आरोपी निलंबित सीबीआई कर्मी गांव पिपली निवासी दिशांत के माध्यम से गैंग से जुड़े थे। इनमें अतुल केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) कर्मी है और फिलहाल दिल्ली के रोहिणी में कार्यरत है। वहीं आकाश भी कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की तरफ से आयोजित कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (सीएचएसएल) की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुका है। हालांकि अभी उसकी नियुक्ति नहीं हुई थी। दोनों ने गैंग के साथ जुड़कर परीक्षा पास की थी। बाद में वह गैंग के लिए ही अभ्यर्थी लेकर आने लगे और कमीशन लेने लगे। सोनीपत एसटीएफ ने पांचों को कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें जेल भेज दिया गया।