पंचकूला, 13 सितंबर (ट्रिन्यू)
तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए उनसे सुझाव लेने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ओर से गठित सांसदों की कमेटी ने रविवार को यहां सुझाव लिए। पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में किसान और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से सांसद धर्मबीर सिंह, बृजेंद्र सिंह और नायब सिंह सैनी से बात की।
बैठक में सांसद धर्मबीर सिंह ने बताया कि रोहतक, करनाल और पंचकूला में बैठकों के दौरान किसान और व्यापारिक संगठनों से करीब 48 सुझाव आये हैं। कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को जल्द सौंपेगी। वहीं 16 सितंबर से पहले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को साथ लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री से भी मुलाकात की जाएगी।
सांसद धर्मबीर सिंह ने बताया कि किसान प्रतिनिधियों ने तीन कृषि अध्यादेशों के अलावा अनेक ऐसी समस्याओं को उनके सम्मुख रखा जिनका उन्हें रोजाना सामना करना पड़ रहा है। किसान व व्यापारिक संगठन चाहते हैं कि मंडियां खत्म न हों, वे खुद इसके पक्षधर हैं कि मंडियां बनी रहें। वहीं एमएसपी पर किसान संगठनों ने कहा कि इसे रखा जाना चाहिए, कमेटी भी इसके पक्ष में है। एक सुझाव यह भी आया कि किसानों से जो भी कंपनी खरीद करे, उसका पंजीकरण होना चाहिए। वहीं फसल के भुगतान को लेकर दो सुझाव आए। कुछ चाहते हैं कि भुगतान सीधा किसानों के खाते में जाए तो कुछ आढ़तियों के माध्यम से भुगतान के पक्षधर हैं।
बैठक के बाद भाकियू के गुणी प्रकाश ने कहा कि किसान को खुली बाजार व्यवस्था मिलनी चाहिए। किसान को कहीं भी फसल बेचने का अधिकार होना चाहिए। सोनीपत सब्जी मंडी प्रधान ललित ने कहा कि दो प्रतिशत की मार्केट फीस को खत्म किया जाए, इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है और सब्जी उत्पादों की मंडी परिसर में ही बिक्री हो।
‘कमेटी लाठीचार्ज से ध्यान हटाने की कोशिश’
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि लाठीचार्ज की घटना से ध्यान हटाने के लिये गठित की गई कमेटी मात्र दिखावा है। इसका गठन संवैधानिक तरीके से नहीं किया गया है। कमेटी के पास किसाी प्रकार का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा वास्तव में किसानों की हमदर्द है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद व समय पर भुगतान का कानून बनाना चाहिये। जो एमएसपी से नीचे खरीद करे उस पर दंड का प्रावधान सुनिश्चित किया जाना चाहिये।