4233 गांव, 910 वार्ड नशामुक्त, तस्करों पर पुलिस का कड़ा शिकंजा
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने यह दावा करते हुए कहा कि नशा मुक्त हरियाणा केवल कानून-व्यवस्था का विषय नहीं बल्कि सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। उनका कहना था कि जब प्रशासन, पुलिस और समाज मिलकर काम करें तो बदलाव संभव है। गांवों और वार्डों को नशामुक्त बनाने का अभियान इस बात का सबूत है कि सख्त कानून प्रवर्तन और समुदाय की सक्रियता से राज्य को नशे की जंजीरों से मुक्त कराया जा सकता है।
उनका कहना है कि राज्य के 7354 गांवों में से 4233 गांव अब तक नशामुक्त घोषित किए जा चुके हैं। 1956 शहरी वार्डों में से 910 वार्ड इस सूची में शामिल हो चुके हैं। कुरुक्षेत्र जिले ने सबसे आगे रहते हुए 410 गांव नशामुक्त किए हैं, जबकि नूंह ने 310 और कैथल ने 232 गांवों को इस श्रेणी में शामिल किया। पुलिस ने सीआईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल बयूरो की ट्रिपल लेयर सत्यापन प्रणाली लागू की है, जिससे नशामुक्त गांवों की स्थिति का निष्पक्ष आकलन हो सके।
सजा दर में बढ़ोतरी, कई जिलों में 100 प्रतिशत
जनवरी से जुलाई 2025 के बीच 67 कमर्शियल क्वांटिटी मामलों का निपटारा हुआ, जिनमें 42 मामलों में आरोपियों को दोषी करार दिया गया। सजा दर 62.68 प्रतिशत रही। पिछले साल यह 71.53 प्रतिशत थी, लेकिन इस साल भी तेज़ी बरकरार है। हिसार, गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद और सिरसा जैसे जिलों में 100 प्रतिशत दोषसिद्धि दर्ज की गई।
करोड़ों की संपत्ति जब्त, नेटवर्क ध्वस्त
हरियाणा पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 68 एफ के तहत तस्करों पर आर्थिक प्रहार किया। इस साल अब तक 1.75 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त और फ्रीज की जा चुकी है। 32.18 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस अफसरों का कहना है कि तस्करों के अवैध धन को खत्म करना उनके नेटवर्क को कमजोर करने का सबसे कारगर तरीका है।
तेज़ कार्रवाई से मौके पर गिरफ्तारियां बढ़ीं
जनवरी से अगस्त 2025 तक कमर्शियल मामलों में 307 एफआईआर दर्ज हुईं। 783 आरोपियों को नामजद किया गया, जिनमें से 437 मौके पर ही दबोच लिए गए। 346 गिरफ्तारियां बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक के आधार पर हुईं। पिछले साल की तुलना में मौके पर गिरफ्तारी की दर और अधिक बढ़ गई है। यह बताता है कि खुफिया तंत्र और पुलिस की त्वरित कार्रवाई पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी हो गई है।