चंडीगढ़, 30 मार्च (ट्रिन्यू)
खेल-खेल में सीखने को बढ़ावा देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। प्रदेश के 4 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-स्कूलों में तबदील किया है। अब इन स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ खेल-खेल में उन्हें पढ़ाया भी जाएगा। पहली अप्रैल से इन स्कूलों को शुरू करने की
योजना है। इससे पहले, बृहस्पतिवार को इन प्ले-स्कूलों में रेडीनेस मेले लगेंगे।
इन मेलों में अभिभावकों को 3 से 5 साल के बच्चे की प्ले-स्कूल में जाने की अहमियत को लेकर जागरूक किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने बुधवार को यहां कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पहले चरण में 4 हजार प्ले स्कूल खोलने का ऐलान किया था। विभाग अब इस ड्रीम प्रोजेक्ट को ग्राउंड पर उतार रहा है। छोटे बच्चों को स्कूल में जाने के लिए तैयार करना नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है। हरियाणा पहला ऐसा राज्य है, जो इसकी शुरुआत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को प्ले-स्कूल के अनुसार ट्रेंड किया है। वर्कर्स एवं हेल्पर्स अपने-अपने दायरे में अभिभावकों को घर-घर जाकर बता रही हैं कि उनके घर के नजदीक का आंगनवाडी केंद्र अब प्ले-स्कूल के तौर पर काम करेगा। विभाग द्वारा 31 मार्च को सभी प्ले-स्कूल पर स्कूल रेडीनेस मेला आयोजित किया जाएगा, जिससे एक अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र में अधिक से अधिक बच्चों का पंजीकरण करवाया जा सके। छोटे बच्चों को स्कूल के लिए जितना मजबूत आधार दिया जाएगा, उतनी ही नींव मजबूत होगी। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह प्ले स्कूल की गतिविधियों के बारे-बारे में जागरूकता फैलाएं, जिससे लोगों, विशेषकर गरीब व वंचितों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके।
जानिए कहां कितने स्कूल
अंबाला में 253, भिवानी में 173, चरखी दादरी में 124, फरीदाबाद में 117, फतेहाबाद में 234, गुरुग्राम में 104, हिसार में 219, झज्जर में 100, जींद में 201, कैथल में 240, करनाल में 291, कुरुक्षेत्र में 377, महेंद्रगढ़ में 142, नूंह में 84, पलवल में 122, पंचकूला में 47, पानीपत में 146, रेवाड़ी में 165, रोहतक में 100, सिरसा में 198, सोनीपत में 220 तथा यमुनानगर में 343 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के तौर पर विकसित किया जा चुका है।