चरखी दादरी, 31 अक्तूबर (निस)
जाट नेता यशपाल मलिक द्वारा फिर से जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू करने पर समाज के लोग विरोध में उतर आए हैं। जाट आरक्षण संघर्ष समिति की हुई मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा, आरक्षण को लेकर कोई आंदोलन शुरू नहीं किया जाएगा। साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि कृषि कानूनों के रद्द होने तक भाजपा-जजपा नेताओं का विरोध जारी रखेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मीटिंग रविवार को गांव पांडवान में वरिष्ठ नेता राजबीर शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें जिलेभर से जाट समाज के साथ-साथ आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी पहुंचे। करीब दो घंटे चली मीटिंग में जाट नेता यशपाल मलिक द्वारा दोबारा जाट आरक्षण शुरू करने का विरोध किया। समाज के लोगों ने कहा कि यशपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए दिल्ली में गत दिनों हुई मीटिंग में मलिक ने दोबारा से जाट आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू करने की बात कही। ऐसे लोग आरएसएस व भाजपा के हैं जो दोगली राजनीति कर रहे हैं। बैठक में सर्वसम्मति से राजकुमार हड़ोदी को पांच वर्ष के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति का प्रधान नियुक्त किया। साथ ही जाट सेवक संघ का गठन करते हुए राजकरण सरपंच को चेयरमैन बनाया गया। समिति के जिलाध्यक्ष राजकुमार हड़ोदी व राजकरण सरपंच ने संयुक्त रूप से कहा कि यशपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को भटकाने के लिए दोबारा आरक्षण आंदोलन शुरू करने का विरोध किया गया है। कृषि कानूूनों के रद्द होने तक समाज के लोग किसान आंदोलन में विशेष भागेदारी सुनिश्चित करेंगे।
जारी रहेगा भाजपा-जजपा नेताओं का विरोध
बैठक में निर्णय लिया गया कि किसान आंदोलन के दौरान भाजपा-जजपा के नेताओं का विरोध जारी रहेगा और गांव में घुसने पर रोक लगाएंगे। इसके लिए गांव स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। इस अवसर पर देवेंद्र लीला राम समसपुर, सुरेश फौजी खेड़ी बूरा, राजकरण सरपंच पांडवान, भीम सिंह द्वारका, प्रीतम बलाली, बीरेंद्र बडराई, जीवन राम डोहका इत्यादि उपस्थित रहे।