सोनीपत, 10 फरवरी (निस)
भूमि की उत्पादकता बढ़ाने और फसल चक्र को बदलने की ज़रूरत है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के जगदीशपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में विश्व दलहन दिवस पर विशेषज्ञ डॉ.जेक. नांदल ने यह बात किसानों से कही। उन्होंने किसानों से कहा कि ज़मीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए दलहन की खेती को प्राथमिकता दें।
डॉ. नांदल ने बृहस्पतिवार को किसान संगोष्ठी में कहा कि लगातार गेहूं व धान के फसल चक्र के कारण हमारी भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है। अगर समय रहते हमने इस चक्र को नहीं बदला तो भूमि और कमजोर हो जाएंगी।
आमदनी भी बढ़ेगी
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. परमिंदर सिंह ने बताया कि कृषि अर्थशास्त्रियों की माने तो पिछले वर्ष हमारे देश में दालों के 25 मिलियन मीट्रिक टन के उत्पादन के बावजूद भी देश को 119.38 अरब रूपये का दलहनों को आयात करना पड़ा। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढऩे के साथ-साथ 20-25 हजार रूपये की अतिरिक्त आमदनी भी हो जाती है।