बिजेंद्र सिंह/ निस
पानीपत, 12 सितंबर
पानीपत जिले में पानीपत-रोहतक हाईवे पर गांव डाहर में 50 हजार क्विंटल रोजाना पिराई क्षमता की नयी शुगर मिल बनाई जा रही है। मिल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। नयी शुगर मिल इसी साल पिराई सत्र में चालू हो पाएगी या नहीं इसे लेकर असमंजस है। 2500 से ज्यादा गन्ना किसानों को इस मिल के शुरू होने का इंतजार है। नयी शुगर मिल नंवबर-2021 से शुरू होनी थी और इसी सत्र में पिराई सत्र शुरू होना था। किसानों कहना है कि शुगर मिल में समय से पिराई शुरू होने स्थिति अभी दिख नहीं रही है। गन्ना किसान पुरानी शुगर मिल में पहुंचकर अधिकारियों से नयी शुगर मिल को इसी सीजन में समय पर चलवाने की मांग कर रहे हैं। अधिकारी नयी शुगर मिल के जनवरी के पहले पखवाड़े में चालू हाेने का दावा कर रहे हैं। पुरानी शुगर मिल को एक नंवबर से चलाने को लेकर मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है। मिल अधिकारियों का कहना है कि पानीपत में इस बार नयी व पुरानी दोनाें शुगर मिलें चलेंगी और इस सीजन में पानीपत जिले के किसानों को सरपल्स गन्ना किसी दूसरे जिला या राज्य में लेकर जाना नहीं पड़ेगा। बता दें कि पानीपत की पुरानी शुगर मिल की पिराई क्षमता 18 हजार क्विंटल रोजाना की है और यह हर वर्ष करीब 30 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करती है। पानीपत जिले में इस बार करीब 72 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हो सकता है।
इस बार किसानों ने बढ़ाया रकबा, 72 लाख क्विंटल उत्पादन की उम्मीद
नयी शुगर मिल चालू होने की संभावना के चलते किसानों ने गन्ने का रकबा बढ़ाया है। पानीपत में पिछले वर्ष करीब 19880 एकड़ में गन्ने की बिजाई की गई थी और करीब 57 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष जिले में 24130 एकड़ में किसानों ने गन्ने की बिजाई की है और करीब 72 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होने की संभावना है। नयी शुगर मिल की पिराई क्षमता रोजाना 50 हजार क्विंटल है। इसे 75 हजार क्विंटल तक बढ़ाया जा सकता है। नयी शुगर मिल 73 एकड़ में करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है।
जनवरी से चालू होगी नयी मिल : एमडी
शुगर मिल के एमडी नवदीप सिंह ने कहा कि डाहर की नयी शुगर मिल का निर्माण तेजी से चल रहा है। मिल का ट्रायल इसी वर्ष 25 दिसंबर को किया जाएगा। 10 जनवरी 2022 को मिल में पिराई शुरू कर दी जाएगी। पुरानी शुगर मिल को भी चलाने की एक नवंबर की तारीख तय की गई है। एमडी ने बताया कि पुरानी व नयी शुगर मिल में इस सीजन में 65 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इस सीजन में पानीपत के किसानों को अपना गन्ना बाहर किसी दूसरी मिल में लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नयी शुगर मिल में 28 मेगावाट बिजली का उत्पदान भी होगा और इससे नयी शुगर मिल चलेगी। बिजली को निगम को भी बेचा जाएगा।
सरप्लस रहा तो हो सकती है परेशानी
पानीपत जिले में पिछले वर्ष करीब 57 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ था और उसमें से 33 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई पुराने शुगर मिल ने की और 4-5 लाख क्विंटल गन्ना बीज व जूस आदि में चला गया। करीब 10 लाख क्विंटल सरप्लस गन्ने को प्रदेश की दूसरी शुगर मिलों में ट्रांसफर किया गया। उन शुगर मिलों के पास पहले से अपनी पिराई क्षमता के अनुसार गन्ना था तो उन्होंने पानीपत के सरप्लस गन्ने को लेने से इनकार कर दिया था। जिले के किसानों का कुछ लाख क्विंटल गन्ना ही दूसरी शुगर मिलों में जा पाया। किसानों को मजबूरन अपने गन्ने को फिर पंजाब के धूरी व अमलो और करनाल के इंद्री स्थित बादशो शुगर मिल में डालना पड़ा। अगर इस बार भी गन्ना सरप्लस हुआ तो किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।