रोहतक (हप्र):
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा कि ईमानदारी, जवाबदेही और पारदर्शिता किसी भी उद्यम या पेशे की आधारशिला हैं। मुर्मू रविवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान, रोहतक के प्रमुख स्नातकोत्तर कार्यक्रम के 13वें बैच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रबंधन के छात्र चाहे जहां भी काम करें, उन्हें देश की जरूरतों पर विचार करना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि उनका काम, नवाचार और योगदान साथी भारतीयों की मदद कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे कल के बिजनेस लीडर हैं और कॉरपोरेट गवर्नेंस, समावेशी विकास और अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इसलिए उनकी जिम्मेदारी बन जाती है कि अपने कौशल, प्रतिभा और क्षमता का उपयोग रणनीतियों और परियोजनाओं की पहचान करने और बनाने के लिए करें। सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि आईआईएम रोहतक का उद्देश्य राष्ट्रीय महत्व के विद्वानों, प्रबंधकों और नीति निर्माताओं को तैयार करना है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी, सफल होने के लिए एक सफल प्रबंधक और चमकते नीति निर्माता के रूप में बाहर निकलने के लिए जीवन में एक छात्र बनना, सांस लेना और अभ्यास करना कभी नहीं छोडऩा चाहिए, और अंत में, वर्तमान में जीना और जीवन में खुश रहना चाहिए।