झज्जर, 30 मई (हप्र)
‘जब हौसला कर लिया ऊंची उड़ान का तो फिर देखना फिजूल है कद आसमान का’। इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ कर दिया है गांव सेहलंगा के किसान विकास डागर की होनहार बेटी मुस्कान ने। मुस्कान ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। मुस्कान के इस मुकाम तक पहुंचने में पिता सहित परिवार के हर सदस्य का बड़ा योगदान है। 474 वां रैंक हासिल करने वाली मुस्कान के परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। गांव भर में खुशी का माहौल है। निवर्तमान सरपंच जगत सिंह का कहना है कि मुस्कान के बूते ऐसा पहली दफा होगा कि करीब 55 सौ की आबादी वाले गांव से कोई इतना बड़ा अधिकारी बनेगा। आज गांव की हर बेटी स्वयं में मुस्कान की छवि देख रही है। छोटी सी उम्र में इस उपलब्धि को हासिल करने वाली मुस्कान बताती है कि उन्हें जब भी कभी ऐसा लगा कि मुश्किल हो रहा है, उस समय परिवार के हर कोने से उन्हें पूरा स्पोर्ट मिला। हर सदस्य ने बताया कि वह कर सकती है और कर लेगी। ग्रामीण परिवेश में पढऩे वाले बच्चों को अपना संदेश देते हुए मुस्कान ने कहा कि आज के समय में तकनीक के बूते हर तरह की पढ़ाई हमारी रेंज में है, ऐसे में जरूरी यह है कि हम अपने लक्ष्य पर अडिग रहकर आगे बढ़ते रहे। पिता विकास बताते है कि वह मात्र एक से डेढ़ एकड़ के किसान है। पत्नी प्रतिभा ने मास्टर डिग्री की हुई है। पिता बैंक से प्रबंधक के पद से रिटायर है। पढ़ाई के प्रति परिवार में हमेशा से माहौल आदर्श रहा है। जो कि मुस्कान के लिए फायदेमंद रहा। यहां तक पहुंचने में विकास ने कोई अतिरिक्त कोचिंग नहीं ली। पहली दफा कोविड की वजह से लगे लाकडाउन के बाद से वह निरंतर तैयारी कर रही थी। जिसका परिणाम यहां पर देखने को मिला है। परिवार के स्तर पर उसे हर संभव नोटस और कोचिंग का मैटिरियल घर पर ही उपलब्ध करवाया गया।