हिसार, 9 जून (हप्र)
किसान सभा ने कहा कि एमएसपी की नाममात्र बढ़ोतरी करके सरकार ने किसानों से भद्दा मजाक किया है।
धान, ग्वार, बाजरा, मक्का, कपास, मूंग, मूंगफली पर 92 पैसे से लेकर 4 रुपये, 80 पैसे प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की है जिससे किसानों में भारी गुस्सा है।
किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार, प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा, जिला सचिव सतबीर धायल, मुख्य सलाहकार राजकुमार ठोलेदार व तहसील सचिव रमेश मिरकां ने कहा कि डीजल, तेल, खाद, बीज, कृषि के औजार व मजदूरी, ट्रैक्टर के मूल्य में सरकार ने 100 प्रतिशत बढ़ोतरी की और एमएसपी पर मामूली बढ़ोतरी किसानों के साथ बड़ा धोखा है। इस अवसर पर किसान सभा ने मांग की है कि सरकार किसानों की 10 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से एमएसपी में बढ़ोतरी करे। इससे कम किसानों को सरकार की एमएसपी मंजूर नहीं है। सूबे सिंह बूरा ने बताया कि एमएसपी को लेकर किसान सभा जल्द ही बैठक करके बड़े आंदोलन का बिगुल बजाएगी।
‘खाद के रेट खूब बढ़े’
रोहतक (हप्र) : अखिल भारतीय किसान सभा ने केंद्र द्वारा घोषित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि एक बार किसानों से धोखाधड़ी की गई है। धान, बाजरा, कपास आदि फसलों के मूल्यों में जो वृद्धि घोषित की गई है वह महंगाई की वृद्धि दर से भी कम है। राज्य कमेटी की ओर से जारी बयान में प्रदेश अध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद व कार्यकारी महासचिव सुमित सिंह ने कहा कि घोषित किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन खर्च से भी कम है क्योंकि इस दौरान हर चीज की महंगाई बढ़ी है । इस बार खाद , डीजल व दवाई इत्यादि के रेट बेतहाशा बढ़े हैं। साथ में ही खाद्य पदार्थ भी बाजार में लोगों को महंगे खरीदने पड़ रहे हैं। किसान सभा का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण की प्रणाली ही दोषपूर्ण है जोकि महंगाई की दर और अन्य खर्च को शामिल नहीं किया जाता । इसी कारण किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण हो।