कैथल (हप्र) : बीआरडीएम पब्लिक स्कूल में पटाखे विरोधी स्लोगन लिखो प्रतियोगिता व स्क्रैप बुक पर दिया बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पटाखे विरोधी स्लोगन लिखो प्रतियोगिता में कक्षा छठी से कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों ने व स्क्रैप बुक पर दीया बनाओ प्रतियोगिता में कक्षा पहली से कक्षा पांचवीं के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रधानाचार्य वरुण जैन ने कहा कि विद्यालय में इस प्रतियोगिता को आयोजित करने का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐसी दीवाली मनाने के लिए जागृत करना था जो पर्यावरण के अनुकूल हो। सभी प्रतिभागियों ने अपने विचारों को अपने-अपने स्लोगन के माध्यम से बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में स्क्रैपबुक में सुंदर दीया बनाने पर कक्षा पहली से कृति, कक्षा दूसरी से तनिष्क, कक्षा तीसरी से रेयांश सिंगला, कक्षा चौथी से मानवी गर्ग व कक्षा पांचवी से राघव को प्रथम घोषित किया गया। अच्छा स्लोगन लिखने पर कक्षा छठी से इशिका और वैशाली, कक्षा सातवीं से मुक्ता, कक्षा आठवीं से नितेश और मुकुल, कक्षा नौवीं से अनीता और खुशी व कक्षा दसवीं से रिया गर्ग और गुनगुन को प्रथम घोषित किया गया। प्रधानाचार्य ने विजेताओं को बधाई दी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।