कुरुक्षेत्र, 26 अप्रैल (हप्र)
ईमानदारी से परिश्रम करने वाले कर्मयोगी दुनिया में सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं, अर्थात कर्मयोगी के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। साफ नीयत, कर्मयोग और ईश्वर पर विश्वास, ये तीन चीजें व्यक्ति को प्रगति पथ पर निरन्तर आगे लेकर जाती हैं।
उक्त शब्द गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र के जिम्नेजियम हॉल में छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि छात्र को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करते हुए लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए, यह बहुमूल्य समय लौटकर नहीं आता, इसलिए खूब परिश्रम करें।
उन्होंने गुरुकुल के 4 छात्रों के लेफ्टिनेंट चुने जाने पर खुशी व्यक्त की। इस अवसर पर गुरुकुल के मुख्य अधिष्ठाता राधाकृष्ण आर्य, प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता, सह प्राचार्य शमशेर सिंह, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य सहित समस्त अध्यापकवृन्द एवं संरक्षक मौजूद रहे।
मंच संचालन दिनेश राणा ने किया। आचार्य देवव्रत ने कहा कि जो छात्र गुरुकुल के नियमों का पालन करते हुए कठिन परिश्रम करता है, वह जीवन में उतनी ही ऊंचाइयों पर जाता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी हमेशा ऊंचा लक्ष्य रखना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी का संस्मरण साझा किया
राज्यपाल आचार्य देव्रवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात प्रवास के एक संस्मरण को साझा करते हुए बताया कि 19 अप्रैल को जब मोदी गुजरात आए तो प्रोटोकॉल के तहत सबसे पहले उन्होंने ही स्वागत किया। जब अन्य अतिथियों ने उनका अभिनंदन कर लिया तब उन्होंने पुनः मुझे बुलाया और हंसते हुए कहा, ‘आपके घर जाना है, आइए मेरे साथ गाड़ी में बैठिए और रास्ता बताइए’। निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।