जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 12 मई
कहने को तो सभी सरकारें और शहरी निकाय स्वच्छता पर सबसे ज्यादा गंभीर नजर आते हैं लेकिन जीटी पर अम्बाला शहर पर स्थापित अम्बाला शहर की नयी थोक सब्जी मंडी के अंदर और बाहर गंदगी का साम्राज्य है। यहां 26 एकड़ में फैली सब्जी मंडी में मात्र 2 सफाई कर्मचारी हैं तो पीने के पानी की आपूर्ति के लिए 3 कूलरों में पानी ही नहीं मिलता। फ्रूट शेड की एक चादर ही उड़ चुकी है। किसानों के लिए बनेे दोनों शेड पर आढ़तियों का स्थायी कब्जा हो चुका है। कई आढ़तियों ने तो बाकायदा शेडों में अवैध किराएदार तक बिठा रखे हैं।
दरअसल, करीब 4 साल पहले जीटी रोड पर शिफ्ट हुई यह सब्जी मंडी लो लैंड एरिया में स्थापित है जिसमें पानी निकासी का प्रबंध आज तक नहीं हो पाया है। अभी तो बरसात नहीं है लेकिन मंडी गंदगी का भंडार बन चुकी है। फल और सब्जी पर मार्केट कमेटी को कुल मिलाकर 2 प्रतिशत राजस्व मिलता है। करोड़ों रुपये महीने का व्यापार होता है लेकिन पूरी मंडी सुपरवाइजरों के हवाले है। किसी भी परेशानी के लिए आढ़तियों को कई किलोमीटर दूर अनाज मंडी में स्थित मार्केट कमेटी के कार्यालय पर पहुंचने को जाना पड़ता है।
शेड पर आढ़तियों और किरायेदारों का अवैध कब्जा
मंडी में किसानों के लिए स्थापित दोनों शेड पर आढ़तियों और अवैध किराएदारों का कब्जा स्थायी रूप से हो चुका है जिनसे संबंधित आढ़ती मोटा किराया अवैध रूप से ले रहे हैं। बताया जाता है कि इन सब को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। हाल ही में दो अवैध किराएदारों के बीच लेनदेन को लेकर खूनी झगड़ा भी हुआ था।
किसानों को पीने का पानी नहीं
सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अमरनाथ बिड़ला ने बताया कि आजकल प्याज का सीजन चल रहा है लेकिन यहां आने वाले किसानों को पीने का पानी नहीं मिल रहा। तीनों ही कूलरों में पानी नहीं हैं। नालियों को कवर करने के लिए लगाई लोहे की जालियां करीब-करीब चोरी हो चुकी हैं।
”फल व सब्जी मंडी से कूड़ा रोजाना रुटीन में पैदा होता है। यदि कहीं कमी है तो ठीक करवा दी जाएगी। कूलरों की तार कट गई थी, शिकायत मिलने पर मेकैनिक भेज दिया गया है। ”
-दलेल सिंह, सचिव मार्केट कमेटी अम्बाला शहर।