बाबैन, 8 अप्रैल (निस)
कन्याओं को मां का साक्षात स्वरूप माना गया है, इसलिए कन्या पूजन के बिना नवरात्र व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता। यह बात सोनिया महंत साध्वी मंगलमुखी ने कही। माता जितनी प्रसन्न कन्या भोज से होती है, उतनी हवन व दान से भी नहीं होती। कन्या पूजन बहुत ही फलदायक माना गया है। कन्याओं को 9 देवियों का स्वरूप मानकर उनके पूजन से ऐश्वर्या सुख, शांति, विद्या और मोक्ष की प्राप्ति होती है।