पिहोवा, 9 अक्तूबर (निस)
हरियाणा की मंडियों में धान का सीजन पूरे जोरों से शुरू हो चुका है और पिहोवा अनाज मंडी भी धान से भरी पड़ी है। परंतु जब से ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल शुरू हुआ तब से किसानों के जी का जंजाल बना हुआ है। इस पोर्टल अनुसार किसानो को अपनी फसल का ब्योरा दर्ज करवाना होता है कि उसके पास कौन-सी और कितनी फसल है। लेकिन बहुत से किसानों की फसल का ब्योरा अन्य लोगों ने अपने नाम दर्ज करवा लिया है और बहुत से किसानों का ब्योरा पोर्टल से अपने आप कट गया है। दूसरी तरफ़ ठेके पर ज़मीन लेकर कृषि करने वाले किसानों के लिए एक नई समस्या सरकार ने पैदा कर दी है जिसके तहत ठेके पर ज़मीन लेकर कृषि करने वाले किसान को ज़मीन के मालिक से एफिडेविट लेकर आना होगा नहीं तो उसका गेट पास नहीं कटेगा। किसान पसोपेश में हैं और किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिना सही ब्योरा दर्ज हुए धान बिकेगी नहीं और गलत दर्ज हुए ब्योरे की शिकायत सुनने वाला कोई है नहीं। भाकियू (चढ़ूनी) सरकार से ये मांग करती है की या तो इस पोर्टल को हटा दिया जाए या फिर तुरंत प्रभाव से इसे खोल के किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए, नहीं तो भाकियू कोई कड़ा फ़ैसला सरकार व प्रशासन के खिलाफ़ लेगी।