रोहतक (हप्र) : महम चौबीसी सर्व खाप सर्वजातिय युवा पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष सतीश राठी ने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के विधायकों व सांसदों को भी किसानों का साथ देते हुए अभय चौटाला की तरह अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। सतीश राठी बृहस्पतिवार को महम में पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। राठी ने कहा कि चल रहे किसान आंदोलन को लेकर महम चबूतरे पर 11 फरवरी को समस्त उतरी भारत के लोगों व खाप प्रधानों की पंचायत बुलाई गई है। जिसमें किसानों का साथ देने वाले राजनीतिक, सामाजिक व अन्य गणमान्य लोगों को पंचायत पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाएगा। महापंचायत में इनेलो नेता अभय चौटाला सहित भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी अपने विचार रखेंगे। महम चौबीसी पंचायत के प्रधान तुलसी ग्रेवाल ने बताया कि बार्डर पर कांटेदार तार व बेरिकेडस लगाने से किसानों की आवाज को नहीं दबाया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि विधेयक वापस नहीं लेगी तब तक किसान अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे। उधर, महम के भैणी चंद्रपाल गांव में भाजपा व जजपा नेताओं का बहिष्कार करने वाले होर्डिंग्स लगाए हैं। चौक-चौराहों पर लगे ये होर्डिंग्स हर आने जाने वाले का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। वहीं जजपा व भाजपा समर्थकों का कहना है कि गांव के कुछ शरारती तत्वों ने ये होर्डिंग्स लगाए हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।